SSC परीक्षा से पहले फिर गरमाई सियासत, प्रश्नपत्र फर्जीवाड़े को लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज

कोलकाता। स्कूल सर्विस कमीशन (एसएससी) की कक्षा 11 और 12 के लिए शिक्षक भर्ती परीक्षा आज रविवार को होने जा रही है। परीक्षा से ठीक पहले एक बार फिर सियासत गरमा गई है। प्रश्नपत्र ‘बिक्री’ और कथित ‘ऑडियो टेप’ के मामले पर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं।

बीते रविवार, सात सितम्बर को 9वीं और 10वीं की परीक्षा से दो दिन पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया था कि एसएससी का प्रश्नपत्र 50 हजार रुपये में बेचा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा था कि उनके पास बशीरहाट से संबंधित एक ऑडियो मौजूद है। हालांकि इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है।

परीक्षा से ठीक पहले शनिवार को शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए तंज कसा। उन्होंने कहा, “प्रश्नपत्र लीक होने का सबूत दिखाइए, ऑडियो टेप दिखाइए। विपक्षी नेता ने कहा था कि वे वीडियो, ऑडियो फुटेज और प्रश्नपत्र फर्जीवाड़ा दिखाएंगे, लेकिन अब तक कुछ भी सामने नहीं आया है।”

ब्रात्य बसु ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में परीक्षा पूरी पारदर्शिता के साथ हो रही है। उनका कहना था, “लाखों परीक्षार्थी मुख्यमंत्री पर भरोसा कर परीक्षा दे रहे हैं। ममता बनर्जी ही उनके हाथों में नियुक्तिपत्र देंगी। नियुक्ति केवल मेधा के आधार पर होगी।”

आज होने वाली परीक्षा में दो लाख 46 हजार 527 परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा के लिए 478 केंद्र बनाए गए हैं, जबकि 11वीं-12वीं स्तर पर कुल 12 हजार 514 रिक्त पदों पर नियुक्ति होनी है।

कमीशन ने साफ किया है कि कई केंद्रों पर क्लॉक रूम की व्यवस्था नहीं है। इसलिए परीक्षार्थियों से अपील की गई है कि वे कीमती सामान या गहने पहनकर परीक्षा केंद्र न आएं। सभी परीक्षार्थियों को पारदर्शी पेन (जिसमें रिफिल बाहर से दिखाई दे) लाना अनिवार्य है। जरूरत पड़ने पर केंद्र पर पेन उपलब्ध कराया जाएगा।

परीक्षा केंद्र के गेट पर सुरक्षा जांच होगी। इस दौरान परीक्षार्थियों के पास एडमिट कार्ड और एक पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड या वोटर कार्ड) होना जरूरी है।

बीते रविवार 9वीं और 10वीं की परीक्षा में करीब 10 प्रतिशत परीक्षार्थी बिहार, उत्तरप्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों से शामिल हुए थे। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा, “यही साबित करता है कि भाजपा शासित राज्यों में रोजगार के अवसर नहीं हैं। वहां के युवा यहां परीक्षा देने आ रहे हैं। हम भाषा या राज्य के आधार पर किसी का अपमान नहीं करेंगे। भारत का संविधान हमें सभी भाषाओं को मान्यता देने और सभी का स्वागत करने का अधिकार देता है। अगर ममता बनर्जी बाहर से आए युवाओं को रोजगार देती हैं, तो यह बड़ी जीत है।”

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