
- सालाना टर्नओवर 3 करोड़
Sultanpur : अगर जज्बा और मेहनत सच्ची हो तो हालात कभी भी सपनों के आगे रुकावट नहीं बन सकते। इसी बात को सच कर दिखाया है ओडिशा मूल के और सुल्तानपुर में रह रहे स्वाधीन सस्मल ने। किसान परिवार में जन्मे स्वाधीन ने बचपन से ही आर्थिक तंगी देखी, लेकिन संघर्षों के बीच उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
परिवार की सीमित आय और खेती-किसानी पर निर्भरता ने स्वाधीन के बचपन को कठिनाइयों से भर दिया था। पढ़ाई जारी रखने के लिए उन्हें छोटे-मोटे काम भी करने पड़े। हालात ऐसे बने कि पढ़ाई बीच में छूटने की नौबत आ गई, लेकिन हिम्मत और लगन ने उन्हें आगे बढ़ने की ताकत दी।
नौकरी से शुरू होकर कंपनी तक का सफर
घर से निकले तो जेब में एक रुपया तक नहीं था। कुछ समय नौकरी करने के बाद स्वाधीन ने ठान लिया कि अब खुद का व्यवसाय खड़ा करना है। सुल्तानपुर में उन्होंने वे सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी शुरू की। शुरुआती दौर में पूंजी, अनुभव और लोगों का भरोसा सबसे बड़ी चुनौती बने, लेकिन हार मानने के बजाय उन्होंने लगातार मेहनत की और धीरे-धीरे कंपनी ने शिक्षा, प्रशिक्षण और सामाजिक विकास के क्षेत्र में मजबूत पहचान बना ली।
आज स्वाधीन सस्मल की कंपनी का सालाना टर्नओवर 3 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उनकी सफलता ने उन्हें न सिर्फ समाज में पहचान दिलाई, बल्कि कई बड़े सम्मान भी दिलाए। प्रेस्टिजियस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज हुआ और वे मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में भी युवाओं के लिए प्रेरणा बने।
स्वाधीन का मानना है कि हालात चाहे कितने भी कठिन क्यों न हों, हौसला और मेहनत इंसान को हमेशा मंज़िल तक पहुंचा देती है। उनका जीवन सफर आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणादायी मिसाल है।