
New Delhi : दिल्ली और काठमांडू के बीच संचालित दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बस नेपाल में अशांति के कारण वहां फंसी है, जो सुरक्षित स्थान पर है और अधिकारी इसकी वापसी के लिए समन्वय कर रहे हैं। नेपाल में छात्रों के नेतृत्व में ‘जेन जेड’ विरोध प्रदर्शन के बाद के.पी. शर्मा ओली सरकार ने इस्तीफा दे दिया। ज्ञात हो कि वर्ष 1997 से लेकर 2012 तक के बीच पैदा हुए युवाओं को प्राय: ‘जेन जेड’ पीढ़ी के नाम से जाना जाता है। दिल्ली परिवहन निगम के एक अधिकारी ने बताया कि‘बस नेपाल में फंस गई है। दिल्ली सरकार इस मामले में नेपाल और भारत के दूतावासों के साथ समन्वय कर रही है। अधिकारी ने पुष्टि की कि इन घटनाओं के मद्देनजर गत दिनों भी बस सेवा स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि डीटीसी ने इस मार्ग पर दो बसें तैनात की हैं।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘उन दोनों बसों में से एक नेपाल में फंसी हुई है। वह सुरक्षित स्थान पर है और जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, वह वापस लौट आएगी। हमने इस मार्ग पर सेवाएं निलंबित कर दी हैं और स्थिति सामान्य होने पर उन्हें फिर शुरू कर दिया जाएगा। बस में कोई यात्री नहीं है।’
उन्होंने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह सेवा ‘दिल्ली-काठमांडू मैत्री बस सेवा’ के नाम से जानी जाती है और भारत तथा नेपाल के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक है। बता दें कि यह बस 1,167 किलोमीटर की दूरी तय करती है और इसका किराया 2,800 रुपये है। यह सेवा सप्ताह में छह दिन उपलब्ध है, जिसमें डीटीसी बसें सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को चलती हैं वहीं नेपाल की मंजुश्री यतायात बसें मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को चलती हैं। डीटीसी इस मार्ग के लिए वॉल्वो बसें जबकि मंजुश्री यतायात मार्को पोलो बसों का उपयोग करती है।
यह सेवा 25 नवंबर 2014 को दिल्ली के डॉ. आंबेडकर स्टेडियम बस टर्मिनल से शुरू की गई थी। कोविड-19 की पहली लहर के कारण 23 मार्च 2020 को बसों का परिचालन रोक दिया गया था लेकिन दिसंबर 2021 में इसे फिर शुरू किया गया।