भोपाल : रेप-लव जिहाद केस के आरोपितों के घरों पर गरजा बुलडोजर

भोपाल। मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल एक बार फिर बुलडोजर एक्शन की गवाह बनी। देश भर में चर्चित निजी कॉलेज की छात्राओं से दुष्कर्म और जबरन धर्मांतरण कराने के प्रकरण में गंभीर आरोपों से घिरे साद और साहिल के अवैध मकानों को शनिवार सुबह प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। वहीं तीसरे आरोपित फरहान का घर फिलहाल बच गया है, क्योंकि लोक अदालत की वजह से उसकी कोर्ट पेशी टल गई है। इसके चलते आगे कार्रवाई सोमवार को संभावित है।

सुबह पांच बजे शुरू हुई थी कार्रवाई

दरअसल, अर्जुन नगर में शनिवार सुबह पांच बजे ही पुलिस बल और प्रशासनिक अमला भारी सुरक्षा घेरे के साथ पहुंचा। शुक्रवार रात से ही इलाके में बैरिकेडिंग कर दी गई थी। आरोपितों के घरों पर जब बुलडोजर का पहिया चलना शुरू हुआ तो देखते ही देखते पक्के मकान मलबे में तब्दील हो गए। मौके पर स्थानीय लोगों की भीड़ जमा रही। एसडीएम गोविंदपुरा रवीश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक सभी कार्रवाई नियमानुसार हुई हैं और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किसी का भी हो वह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आरोप और केस की पृष्ठभूमि

फरहान, साद, साहिल, नबील, अली और अबरार पर आरोप है कि उन्होंने एक निजी कॉलेज की छात्राओं से दोस्ती कर पहले यौन शोषण किया और फिर उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया। मामला सामने आते ही शहर में हड़कंप मच गया था। पीड़िताओं के बयान दर्ज कराए गए और पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार किया। उधर, आरोपि‍त पक्ष ने कोर्ट में याचिका दायर कर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने स्टे देने से इंकार कर दिया। इसके बाद प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माणों को गिराने का निर्णय लिया।

उल्‍लेखनीय है पिछले कुछ सालों में मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में बुलडोज़र अपराधियों और माफिया पर कार्रवाई का प्रतीक बन गया है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पहली बार माफिया अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे अपराधियों के खिलाफ बुलडोज़र चलाकर ‘कानून का नया मॉडल’ पेश किया था। उसके बाद से मध्य प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और अन्य राज्यों में भी इसी पैटर्न पर कार्रवाई देखने को मिल रही है। भोपाल में भी पहले माफिया, ड्रग तस्करों और गैंगस्टरों पर बुलडोजर चला है। लेकिन पहली बार यह कार्रवाई सीधे दुष्कर्म और लव जिहाद जैसे मामले से जुड़े आरोपितों पर की गई है।

यदि आँकड़ों की बात करें तो सिर्फ मध्य प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में बलात्कार और छेड़छाड़ के मामलों में 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। प्रशासन का दावा है कि बुलडोजर कार्रवाई के बाद अपराधियों में डर बढ़ा है और इससे भविष्य में अपराध कम होंगे। ग्राउंड रिपोर्टिंग में यह भी साफ नज़र आया कि इलाके में मौजूद आम लोग कार्रवाई के समर्थन में थे।

कई लोग खुले तौर पर कह रहे थे कि “अपराधियों के लिए यही रास्ता बचा है, अगर ये कदम न उठाए जाएँ तो बेटियाँ सुरक्षित नहीं रहेंगी।” अब मामला भले ही अवैध निर्माण हटाने का हो, लेकिन समाज और मीडिया में इसे अपराधियों पर ‘तत्कालिक सजा’ के रूप में देखा जा रहा है। मध्‍य प्रदेश में पिछले कुछ सालों में बुलडोजर कार्रवाई अपराधियों पर कड़े कदम का प्रतीक बन चुकी है।

यह भी पढ़े : ‘हौसलों और हिम्मत की धरती है मणिपुर… दुर्भाग्य से हिंसा ने…’, पीएम मोदी ने बोलते-बोलते हुए भावुक

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें