IIT खड़गपुर में साथ बैठेंगे वेज-नॉनवेज खाने वाले, अलग-अलग सीटिंग का फैसला हुआ वापस

कोलकाता : IIT खड़गपुर ने अपने हॉस्टल डाइनिंग हॉल में छात्रों की खाने की पसंद के आधार पर अलग-अलग सीटिंग की व्यवस्था को रद्द कर दिया है। अब वेजिटेरियन और नॉन-वेजिटेरियन खाने वालों के लिए कोई अलग बैठने की व्यवस्था नहीं होगी। संस्थान की निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए तुरंत रद्द करने का आदेश दिया।

साइनेज हटाने का निर्देश
चक्रवर्ती ने कहा कि डाइनिंग हॉल में खाने की पसंद के आधार पर छात्रों को अलग करने वाली किसी भी साइनेज या बोर्ड की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने सभी हॉस्टलों में ऐसी साइनेज को तुरंत हटाने का निर्देश दिया। उनका कहना था कि एक शैक्षणिक संस्थान में व्यक्तिगत खान-पान की पसंद के आधार पर इस तरह का भेदभाव कतई स्वीकार्य नहीं है।

छात्रों की शिकायत और नाराजगी
यह विवाद तब शुरू हुआ जब बी. आर. अंबेडकर हॉल ऑफ रेजिडेंस में 16 अगस्त को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें छात्रों को वेजिटेरियन और नॉन-वेजिटेरियन खाने वालों के लिए अलग-अलग बैठने को कहा गया था। कुछ वेजिटेरियन छात्रों ने शिकायत की थी कि नॉन-वेजिटेरियन खाने की गंध उन्हें असुविधा पहुंचा रही है। इस नोटिस के बाद हॉस्टल के छात्रों में नाराजगी फैल गई और कई ने इसे भेदभावपूर्ण कदम बताते हुए आलोचना की। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा तेजी से चर्चा में आया, और IIT खड़गपुर को कार्रवाई करनी पड़ी।

नया निर्देश: कोई भेदभाव नहीं
8 सितंबर को संस्थान ने सभी हॉस्टल वार्डनों को नया नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया कि खाने की तैयारी और वितरण के समय अलग-अलग प्रकार के भोजन — जैसे वेजिटेरियन, नॉन-वेजिटेरियन और जैन — अलग रखे जा सकते हैं, लेकिन डाइनिंग हॉल में छात्रों की सीटिंग में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। यह नियम सिर्फ अंबेडकर हॉल ही नहीं बल्कि सभी हॉस्टलों में लागू होगा।

निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने जोर देकर कहा, “कहीं भी इस तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए और न ही इसे बरकरार रखा जा सकता है।”

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