
नेपाल में जारी हिंसा और अशांति के बीच काठमांडू से एक चिंताजनक खबर आई है। आंध्र प्रदेश से आए भारतीय तीर्थयात्रियों की एक बस को अराजक तत्वों ने निशाना बनाया। पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन कर लौट रहे इन श्रद्धालुओं की बस पर पत्थरबाज़ी की गई और उनके मोबाइल फोन, नकदी व बैग लूट लिए गए।
8 यात्री घायल, नेपाली सेना ने बचाया
हमले के दौरान बस की कई खिड़कियां टूट गईं और कम से कम आठ यात्री घायल हो गए। बस कर्मचारी श्यामू निषाद ने बताया कि हमलावरों को नेपाली सेना के जवानों ने खदेड़ दिया, जिससे यात्रियों की जान बच सकी। इसके बाद भारत सरकार के अधिकारियों ने सभी तीर्थयात्रियों को हवाई मार्ग से दिल्ली पहुंचाने की व्यवस्था की।
सीमा पर हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी
हमले के बाद उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सोनौली बॉर्डर सहित कई जगहों पर कड़ी चौकसी की जा रही है और केवल नागरिकता कार्ड दिखाने पर ही नेपाल में प्रवेश की अनुमति मिल रही है। वर्तमान में भारत से नेपाल जाने वाले पर्यटकों की आवाजाही रोक दी गई है।
व्यापार धीरे-धीरे पटरी पर
हिंसा की वजह से दो दिन तक भारत-नेपाल के बीच आयात-निर्यात ठप रहा था। अब सीमाओं से जरूरी सामान की ढुलाई दोबारा शुरू हो गई है। बीरगंज सीमा से गुरुवार को 44 पेट्रोल टैंकर, 40 बुलेट टैंकर और एक दवा ट्रक नेपाल भेजा गया। भैरवाह सीमा से सब्जियों और फलों से भरे 15-20 वाहन प्रवेश कर चुके हैं।
जयपुर के यात्रियों पर भी पथराव
हिंसा के दौरान जयपुर के करीब 500 लोग भी नेपाल गए थे। उनकी 10 बसों पर भी पथराव हुआ, हालांकि सभी यात्री सुरक्षित बच निकले।
चीन सीमा पर भी असर
नेपाल की चीन से जुड़ी तातोपानी और कोरला सीमा चौकियां आंशिक रूप से खुली हैं, जबकि रसुवा चौकी भूस्खलन और बाढ़ की वजह से बंद है। यहां आवागमन और सामान की आपूर्ति बेहद सीमित है।