जेन-Z समूह में दरार : समर्थकों के बीच आपस में हुई मारपीट…प्रदर्शनों में मरने वाली संख्या हुई 34

-पूर्व न्यायाधीश कार्की की जगह अब कुलमन घीसिंग का नाम सबसे उपर

– सेना द्वारा कारोबारी दुर्गा प्रसाई का नाम आगे बढ़ाने पर भड़के प्रदर्शनकारी


काठमांडू। नेपाल में तख्तापलट के तीन दिन बाद भी राजनीतिक संकट बना हुआ है। गुरुवार को आंदोलनकारी जेन जेड समूह का मतभेद सड़क पर आ गया। दरअसल, अंतिरम सरकार का नेतृत्व करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश सुशीला कार्की के नाम पर सहमति बनी लेकिन युवाओं के एक गुट ने इसका विरोध शुरू कर दिया। इसी मसले पर आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर जेन-जेड समर्थकों के बीच आपस में मारपीट हुई।


अंतरिम सरकार को लेकर प्रदर्शनकारी दो गुटों में बंट चुके हैं। नाम तय करने पर जांच परख की जा रही है। सोशल मीडिया पर कार्की के नाम का विरोध होने पर पूर्व न्यायाधीश ने अपना नाम वापस ले लिया।

 
इसके बाद कारोबारी दुर्गा प्रसाई का नाम आगे बढ़ा। युवाओं ने उन्हें दक्षिणपंथी करार देते हुए हंगामा कर दिया। जेन जेड प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा, ‘हम सेना प्रमुख को सत्ता सौंपने या विदेशी हस्तक्षेप के पक्ष में नहीं हैं। हमें एक परिपक्व व्यक्ति चाहिए जो इस भ्रम की घड़ी में देश को संभाल सके।’ सेना प्रमुख ने जेन जेड नेताओं को राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और विवादास्पद कारोबारी दुर्गा प्रसाई से बातचीत करने की सलाह दी। लेकिन सोशल प्लेटफॉर्म डिस्कॉर्ड पर युवाओं ने इसका विरोध किया और कहा कि प्रसाई का उनके आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है। उधर, युवाओं के विरोध को देखते हुए प्रसाई ने भी सेना प्रमुख से मुलाकात की और कहा, मुझे नेतृत्व में दिलचस्पी नहीं है। मेरा मकसद राजनीतिक समाधान है। चाहे बालेन हों या सुशीला मुझे कोई आपत्ति नहीं।
कोई नाम तय होने से असमंजस की स्थिति बनी रही लेकिन फिर कुलमन घीसिंग का नाम ट्रेंड करने लगा। दरअसल एक समय में नेपाल में बिजली विभाग के भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई कर कुलमन घीसिंग नेपाल में नायक बनकर उभरे थे। अब सेना उनके नाम को अंतरिम सरकार बनाने के लिए जेन जेड समूह से विचार विमर्श कर मौजूदा संकट से पार पाने का प्रयास कर रही है।
सुशीला कार्की को लेकर युवाओं ने कहा कि पूर्व चीफ जस्टिस सुशाला कार्की का नाम कल समर्थन में रखा गया, लेकिन संविधान, कानून, पद का मान और न्यायपालिका की गरिमा को देखते हुए उन्हें आगे लाना उचित नहीं माना गया। संविधान भी न्यायाधीश और पूर्व न्यायाधीश को इस पद के लिए नियुक्त करने का प्रावधान नहीं करता है।

अंदर की बात सार्वजनिक करो..आंदोलन का सौदा नहीं होने देंगे : जेन जेड

गुरूवार को काठमांडू में नेपाली सेना के मुख्यालय के बाहर जेन जेड आंदोलनकारियों का एक गुट इकट्ठा हुआ और उसने अंदर जल रही बातचीत को सार्वजनिक करने की मांग की। युवाओं ने चेतावनी दी कि वो आंदोलन को बेचने यानी उसका सौदा करने नहीं देंगे। उनका गुस्सा उस वक्त भड़क गया जब उन्हें खबर मिली की सुशीला कार्की के अलावा दक्षिणपंथी नेता और मेडिकल कारोबारी दुर्गा प्रसाई को बातचीत के लिए आर्मी हेडक्वार्टर लाया गया है। दरअसल, दुर्गा प्रसाई की 2017 की एक तस्वीर विवादों में आई थी, जिसमें वो केपी शर्मा ओली और प्रचंड दोनों के साथ लंच करते दिख रहे हैं। दुर्गा प्रसाई ने ही मार्च में राजशाही के समर्थन में आंदोलन को खड़ा किया था और वो हवा का रुख देख कर पलटी मारने में माहिर माने जाते हैं।
सुशीला कार्की का नाम खारिज : युवाओं ने ये कह कर सुशीला कार्की का नाम खारिज कर दिया कि वो न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखना चाहते हैं और सुशीला कार्की की उम्र भी नेतृत्व के आड़े आ रही थी। इस कारण, उन्होंने इंजीनियर कुलमन घीसिंग का नाम अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए आगे बढ़ाया है।


नेपाल में बिजली विभाग के भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई कर छा गए थे कुलमन घीसिंग

कुलमन घीसिंग वो शख्स हैं जिन्होंने नेपाल से लोडशेडिंग को खत्म कर दिया। 2016 में वो नेपाल विद्युत प्राधिकरण के मैनेजिंग डायरेक्टर बने। नेपाल में लंबे समय तक बिजली कटौती एक बड़ी समस्या थी। लेकिन दो साल के भीतर कुलमन घीसिंग ने न केवल बिजली कटौती से निजात दिला दी बल्कि नेपाल बिजली का निर्यात करने लगा, जिससे आर्थिक स्थिति अच्छी हुई। यही नहीं, बिजली चोरी के मामलों में उन्होंने कारोबारियों, नेताओं और अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।
बिजली व्यवस्था में सुधार से जहां युवाओं की जिंदगी बेहतर हुई, वहीं भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी कड़ी कार्रवाई ने उन्हें युवाओं के बीच लोकप्रिय बना दिया। लेकिन केपी ओली की सरकार ने 8 साल बाद उन्हें हटा दिया और इस साल मार्च 2025 में उन्हें हटाए जाने के खिलाफ युवा सड़कों पर उतर आए थे और केपी ओली का पुतला जलाया था। तब केपी ओली ने उन्हें पुलिस की ताकत से कुचल दिया था, मगर अब युवा उन्हीं कुलमन घीसिंग को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाना चाहते हैं।

नेपाल में जेन ज़ी प्रदर्शनों में मरने वाली संख्या 34 हुई , 1368 घायल

काठमांडू । नेपाल में सत्ताधारी नेताओं के खिलाफ हाल ही में “जेनरेशन जेड” के हिंसक प्रदर्शनों में देशभर में मरने वालों की संख्या 34 हो गयी है जबकि इन प्रदर्शनों में 1368 लोग घायल हुए हैं।

नेपाल के समाचारपत्र दि हिमालयन टाइम्स ने देश के स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के हवाले से आज यह खबर दी। मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. प्रकाश बुढ़ाथोकी ने बताया कि समूचे देश में इन हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम 34 लोगों की मौत हुई है और 1368 लोग घायल हुए हैं। हालांकि ज़्यादातर घायलों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि अब तक कुल 949 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।

इस बीच देश के कई क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन जारी रहने की सूचनाओं के कारण स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के अधिकारी अस्पतालों पर नज़र रख रहे हैं और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहे हैं।

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