
Lucknow : उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। जुलाई में 27771 रूफटाप स्टालेशन के साथ उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन क्षमता में वृद्धि करते हुए 2025 में शीघ्र ही क्षमता 10000 मेगावाट हो जायेगी, 2017 तक यह क्षमता मात्र 389 मेगावाट थी। प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए.के.शर्मा ने पर्यावरण पर आधारित नेट जीरो समिट कार्यक्रम में यह उद्गार व्यक्त किये।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सोलर ऊर्जा के लिए असीम सम्भावनाएं है। हम अपने घरों की छतों, कम उपयोगी जमीनों तथा राजमार्गों के किनारे सोलर प्लांट लगवा सकते हैं। अयोध्या प्रदेश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित की गयी है। यहां की स्ट्रीट लाइट सर्किट, हाउस सोलर ऊर्जा से संचालित हो रहे हैं। तीन वर्षों में हमने पनकी, ओबरा, जवाहरपुर,घाटमपुर और खुर्जा में लगभग 4700 मेगावाट की पांच थर्मल पावर परियोजनायें लगाई गयी है जिनमें उत्पादन शुरू हो गया है तथा 6000 मेगावाट की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं।
आने वाले कुछ वर्षों में ग्रीन एनर्जी हमारे एमएसएमई सेक्टर की आवश्यकता बन सकती है इसलिए हमें भावी चुनौतियों के प्रति सजग रहते हुए कार्य करना है। हमारी सरकार पर्यावरण को क्षति पहुचांये बिना ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रतिबद्ध है किन्तु इससे पूर्व हमारा उद्देश्य अपने सभी नागरिकों तक ऊर्जा पहुंच व उपभोग का स्तर बढ़ाना है। इसीलिए हम सोलर और हाइड्रो पावर के साथ.साथ थर्मल पावर व बायोपावर का उत्पादन बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं।
विद्युत उत्पादन के साथ, विद्युत वितरण में भी उत्कृष्ट कार्य भी हुआ है। राज्य की विद्युत इकाइयों का पीएलएफ दर 60 से 80 हुआ है तथा लाइनलास को भी 50 प्रतिशत तक कम किया गया है।
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