Nepal Political Crisis : जेन-जी से बालेन शाह बोले- ‘शांति बनाए रखें, नई सरकार का गठन हो रहा है, मगर संसद भंग होना जरूरी’

Nepal Political Crisis : नेपाल में सरकार के भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के विरोध में चल रहे आंदोलन के बीच हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी ने देश में तनाव को बढ़ा दिया है। इन घटनाओं को रोकने के लिए सेना सड़कों पर उतर आई है और सरकार ने प्रदर्शनकारियों पर प्रतिबंधात्मक आदेश के साथ ही पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया है।

वहीं, इस बीच नेपाल में अंतरिम सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन का प्रस्ताव रखा है, जिसे काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह बालेन ने भी समर्थन दिया है। बालेन शाह ने कहा कि पहले बिना देरी संसद को भंग किया जाना चाहिए और उसके बाद ही अंतरिम सरकार का गठन किया जाना चाहिए। कई जेन-जी समूह के संगठनों ने भी इसी दिशा में विचार व्यक्त किए हैं।

नेपाल में जेन-जी समूह के नेतृत्व में दो दिनों तक चली सरकार विरोधी हिंसक आंदोलनों में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 600 से अधिक लोग घायल हुए हैं। संसद भवन के सामने प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 19 लोगों की मौत हुई है, जिनमें अधिकतर युवा थे। इसके अलावा, काठमांडू के कोटेश्वर इलाके में भीड़ के हमले में तीन पुलिसकर्मी मारे गए हैं, और कालीमाटी थाने में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में तीन प्रदर्शनकारी मारे गए हैं।

गृह मंत्रालय के अनुसार, इन प्रदर्शनों में कुल 633 लोग घायल हुए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी व विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा भी प्रदर्शनकारियों के हमले में घायल हो गए हैं।

नेपाल की सेना ने हिंसा को नियंत्रित करने के लिए बुधवार से देशव्यापी प्रतिबंध और कर्फ्यू लागू कर दिया है। यह कदम प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के एक दिन बाद उठाया गया है। काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जिलों में निषेधाज्ञा और कर्फ्यू अब सुबह 6 बजे तक बढ़ा दी गई है, जिसमें आवश्यक सेवाएं और वस्तुओं की आपूर्ति जारी रहेगी।

काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने ट्वीट कर कहा, “प्रिय जेन-जी और सभी नेपालियों, इस अभूतपूर्व स्थिति में धैर्य रखें। एक नई अंतरिम सरकार का गठन हो रहा है, जो आगामी चुनाव कराएगी और देश को नया जनादेश देगी। मैं पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नेतृत्व में इस सरकार के प्रस्ताव का समर्थन करता हूं।” उन्होंने आगे कहा कि देश को जल्दबाजी में नहीं, बल्कि सोच समझकर कदम उठाने चाहिए, और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संसद को अविलंब भंग करने का समर्थन किया।

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