
New Delhi : दिल्ली शहर में बड़ी संख्या में गर्भपात में इस्तेमाल होने वाली दवा का अवैध कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। इस अवैध कारोबार का पर्दाफाश डमी ग्राहक ने फिल्मी अंदाज में किया है। दिल्ली ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट का गुप्त सूचना मिली थी कि राजधानी के कई दुकानों पर (एमटीपी) किट अवैध तरीके से बेची जा रही है, तो उन्होंने अलग-अलग दुकानों पर डमी ग्राहक भेजकर अवैध कारोबार को उजागर किया गया है, जिसके बाद करीबन 41 दुकानदारों के खिलाफ नोटिस जारी कर कार्रवाई की गई है। दिल्ली सरकार के ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने (एमटीपी) किट की अवैध बिक्री रोकने के लिए हाल के दिनों में ड्रग्स कंट्रोल द्वारा विशेष अभियान चलाया।
बता दें कि साउथ दिल्ली के बदरपुर, जसोला, कालकाजी, पुल प्रहलादपुर, ईस्ट दिल्ली के लक्ष्मी नगर, घोंडा, मौजपुर, नॉर्थ और वेस्ट दिल्ली के रोहिणी, पीतमपुरा, शालीमार बाग, उत्तम नगर, बुद्ध विहार, रिठाला, मदनपुर, हरिनगर और नांगलोई शामिल रहे। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस छापेमारी के दौरान आसपास से गुजर रहे लोग को डमी ग्राहक बनाकर मेडिकल स्टोर पर भेजा गया, जहां उन्होंने किसी पंजीकृत डॉक्टर के लिखे पर्चे के बिना मेडिकल किट मांगी और दुकानदार ने बिना किसी झिझक के ग्राहक को दवा दे दी। इसी दौरान दिल्ली ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर दुकानदार को अवैध तरीके से दवा देते हुए रंगे हाथ पकड़ ली।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी दिल्ली के 41 दुकानों पर दवाएं बिक रही थीं। इस अभियान में 157 दुकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें 41 दुकान पर अवैध तरीके से दवा बिकती हुई मिली। ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने कहा है कि पकड़े गए 41 मेडिकल स्टोरों के खिलाफ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत नोटिस जारी किया गया है, साथ ही लाइसेंस रद्द करने की भी कवायद जारी है। एक्सपर्ट के मुताबिक, एमटीपी किट में मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल नामक दवाएं होती हैं।
यह दवा केवल पंजीकृत डॉक्टर की देखरेख में ही दी जा सकती है। बिना डॉक्टर की निगरानी या पर्चे के इस्तेमाल करने से गंभीर खतरा हो सकते हैं। जैसे जीवन के लिए खतरा, हैवी ब्लीडिंग, बांझपन समेत अन्य गंभीर दिक्कतें हो सकती है। एक्सपर्ट की अपील है कि एमटीपी किट कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के न खरीदे।