
AI ने हम सभी के जीवन को बहुत आसान कर दिया है, अब हमें किसी चीज की जानाकरी लेने के लिए किसी से पूछने की आवश्यकता नही पड़ती है. क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जिसे हम एआई कहते हैं वो बड़ी ही फुर्ती से काम करता है और कुछ ही सेकेंड में हमें हमारे सभी सवालो का जवाब दे देता है, अब हमें उतना दिमाक लगाने की जरुरत नही पड़ती है। लेकिन एक सवाल बड़ा ही अहम है यहां की एआई कितना सुरक्षित है ?
क्योंकि आए दिन इससे जुड़े कई खतरें सामने आतें है जैसे की किसी का भी चेहरा बना देना,किसी की भी आवाज बदल देना यहां तक एआई के द्वारा अब हर चीज करना संभव हो गया है. इन्ही घटनाओं के चलते हालही में बॉलीवुड़ जगत के कई सितारों ने इसका विरोध करना भी शुरु कर दिया है क्योंकि उनका मानना है की इससे उनकी छवि खराब हो रही है।
बॉलीवुड सेलिब्रिटीज ने AI के दुरुपयोग, विशेष रूप से डीपफेक और प्राइवेसी उल्लंघन के खिलाफ कई कानूनी और सामाजिक कदम उठाए हैं। कुछ प्रमुख उदाहरण:
- रश्मिका मंदाना:
- 2023 में रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उनकी छवि को एक ब्रिटिश-भारतीय इन्फ्लुएंसर ज़ारा पटेल के वीडियो पर लगाया गया था। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया, जिसके बाद रश्मिका ने इसे “बेहद डरावना” बताया और साइबर अपराध शाखा को शिकायत दर्ज की। उनके समर्थन में अमिताभ बच्चन ने भी कानूनी कार्रवाई की मांग की।
- इस घटना ने भारत में डीपफेक के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई और सरकार को कड़े कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
- आलिया भट्ट:
- आलिया भट्ट भी डीपफेक का शिकार बनीं, जब 2023 में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उनकी छवि को एक महिला के चेहरे पर लगाकर अश्लील इशारे दिखाए गए। उन्होंने इसे प्राइवेसी का उल्लंघन बताया और मीडिया से ऐसी सामग्री हटाने की अपील की।
- इसके अलावा, आलिया और रणबीर कपूर के 250 करोड़ रुपये के घर का AI-जनरेटेड वीडियो वायरल होने पर भी उन्होंने गोपनीयता उल्लंघन का मुद्दा उठाया।
- ऐश्वर्या राय बच्चन:
- 9 सितंबर 2025 को ऐश्वर्या राय बच्चन ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उनकी AI-जनरेटेड तस्वीरों और वीडियो के दुरुपयोग को रोकने की मांग की गई। उनके वकील ने बताया कि उनकी छवि का उपयोग बिना अनुमति के मर्चेंडाइज और अश्लील सामग्री के लिए किया जा रहा है। कोर्ट ने इस मामले में अंतरिम निषेधाज्ञा जारी करने का संकेत दिया है, और अगली सुनवाई 7 नवंबर 2025 को होगी।
- अभिषेक बच्चन:
- 10 सितंबर 2025 को अभिषेक बच्चन ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उनकी छवि, आवाज, और AI-जनरेटेड फर्जी वीडियो के अनधिकृत उपयोग को रोकने की मांग की गई। उनकी याचिका में विशेष रूप से “बॉलीवुड टी शॉप” जैसी वेबसाइटों का जिक्र किया गया, जो उनकी छवि का उपयोग बिना अनुमति के मर्चेंडाइज बेचने के लिए कर रही थीं। इस मामले की सुनवाई भी चल रही है।
- इलैयाराजा:
- संगीत निर्देशक इलैयाराजा ने अजित कुमार की फिल्म “गुड बैड अग्ली” के निर्माताओं को नोटिस भेजा, क्योंकि उन्होंने AI के जरिए उनके गानों के रीमिक्स वर्जन का उपयोग बिना अनुमति किया। उन्होंने 5 करोड़ रुपये का हर्जाना और गानों को हटाने की मांग की। यह कॉपीराइट उल्लंघन का एक प्रमुख उदाहरण है।
- अमिताभ बच्चन:
- 2022 में अमिताभ बच्चन ने अपनी छवि और आवाज के अनधिकृत उपयोग के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनके मामले में कोर्ट ने टेकडाउन नोटिस जारी किए और व्यक्तित्व अधिकारों (पर्सनैलिटी राइट्स) की रक्षा की।
- अनिल कपूर और जैकी श्रॉफ:
- अनिल कपूर ने 2023 में दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी छवि, आवाज, और “झकास” जैसे कैचफ्रेज़ के अनधिकृत उपयोग के खिलाफ मुकदमा जीता, जिसने AI और डीपफेक के दुरुपयोग पर रोक लगाने में एक मिसाल कायम की।
- इसी तरह, जैकी श्रॉफ ने भी 2024 में अपनी छवि और “भिड़ू” कैचफ्रेज़ के दुरुपयोग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की।
- अन्य सेलिब्रिटीज:
- प्रियंका चोपड़ा जोनस, कैटरीना कैफ, काजोल, और दीपिका पादुकोण जैसी अभिनेत्रियों के भी डीपफेक वीडियो सामने आए हैं, जिनमें उनकी छवियों को अश्लील सामग्री या अनधिकृत विज्ञापनों में इस्तेमाल किया गया। इन घटनाओं ने बॉलीवुड में AI के दुरुपयोग के खिलाफ एकजुटता को बढ़ावा दिया।
AI के दुरुपयोग के खिलाफ बॉलीवुड का विरोध –
बॉलीवुड सेलिब्रिटीज का AI के खिलाफ विरोध मुख्य रूप से निम्नलिखित कारणों से है:
- प्राइवेसी उल्लंघन: डीपफेक वीडियो और AI-जनरेटेड सामग्री सेलिब्रिटीज की निजता को भंग करती है, खासकर जब उनकी छवि या आवाज का उपयोग अश्लील सामग्री या गलत प्रचार के लिए किया जाता है।
- प्रतिष्ठा को नुकसान: डीपफेक के जरिए सेलिब्रिटीज को ऐसी गतिविधियों में दिखाया जा सकता है जो उन्होंने कभी की ही नहीं, जिससे उनकी छवि और करियर को नुकसान पहुंचता है।
- कॉपीराइट और व्यक्तित्व अधिकार: AI के जरिए बिना अनुमति के सेलिब्रिटीज की छवि, आवाज, या रचनात्मक कार्यों (जैसे गाने) का उपयोग कॉपीराइट और व्यक्तित्व अधिकारों का उल्लंघन है।
- आजीविका पर खतरा: AI से अभिनेताओं, लेखकों, और संगीतकारों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि AI-जनरेटेड कंटेंट मानव रचनात्मकता को प्रतिस्थापित कर सकता है। हॉलीवुड में 2023 की स्ट्राइक इसका उदाहरण है, जहां 1,50,000 से अधिक कलाकारों ने AI के खिलाफ हड़ताल की थी।
AI के लिए सख्त नियमों की आवश्यकता
- प्राइवेसी और व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा
- कॉपीराइट और रचनात्मकता की सुरक्षा
- सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता
- आम लोगों की सुरक्षा
सख्त नियम लागू करने में निजता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाना मुश्किल हो सकता है। उदाहरण के लिए, डीपफेक निर्माताओं की पहचान उजागर करने की मांग निजता के अधिकार का उल्लंघन कर सकती है।
डीपफेक और AI-जनरेटेड कंटेंट की उत्पत्ति का पता लगाना तकनीकी रूप से जटिल है। सर्विस प्रोवाइडर्स अक्सर डेटा शेयर करने से इनकार करते हैं, जिससे कानूनी कार्रवाई मुश्किल हो जाती है।
AI के लिए और सख्त नियमों की आवश्यकता है, लेकिन इन नियमों को संतुलित और व्यावहारिक होना चाहिए। निम्नलिखित बिंदु इस दिशा में मदद कर सकते हैं –
- भारत में अभी कोई समर्पित AI कानून नहीं है। DPDP एक्ट और IT नियम कुछ हद तक डीपफेक और डेटा दुरुपयोग को संबोधित करते हैं, लेकिन एक स्पष्ट कानूनी ढांचा बनाना जरूरी है जो डीपफेक, कॉपीराइट उल्लंघन, और व्यक्तित्व अधिकारों को कवर करे।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को डीपफेक की पहचान और हटाने के लिए प्रोएक्टिव मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करना चाहिए। भारत के IT नियमों में पहले से ही 36 घंटे की समयसीमा है, लेकिन इसका सख्ती से पालन सुनिश्चित करना होगा।
- डीपफेक डिटेक्शन टूल्स और वॉटरमार्किंग तकनीकों को बढ़ावा देना चाहिए। उदाहरण के लिए, व्यक्तिगत तस्वीरों में वॉटरमार्किंग डीपफेक के दुरुपयोग को रोक सकती है।
- जनता को AI के खतरों और सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूक करना भी जरूरी है।
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