
धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में आपदा से प्रभावित लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांगड़ा हवाई अड्डे पर मुलाकात की। उन्होंने एक-एक कर पीड़ितों की बातें सुनीं। इस दौरान एक साल की बच्ची नितिका को गोद में लेकर दुलारते हुए पीएम भावुक हो गए। बच्ची ने आपदा में अपने माता-पिता और दादी को खो दिया है और अब बुआ के पास रह रही है। बच्ची को लौटाने के बाद पीएम करीब दो मिनट तक मौन रहे।
कई अन्य प्रभावितों ने भी अपनी पीड़ा साझा की—किसी ने अपने परिजनों को खोने की बात कही तो किसी ने जमीन, बगीचे और घर तबाह होने का दर्द सुनाया। मंडी, कुल्लू और चंबा जिलों से आए लोगों ने प्रधानमंत्री से तत्काल सहायता की मांग की। पीएम ने उन्हें केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री का आग्रह
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पीएम से आपदा राहत के लिए अतिरिक्त केंद्र सहायता, नियमों में संशोधन और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की मांग की। उन्होंने वन भूमि पर विस्थापितों को बसाने, मृत्यु प्रमाणपत्र की प्रक्रिया सरल करने और सुरंग आधारित सड़कों के निर्माण का सुझाव भी रखा। पीएम ने उनकी प्रस्तुति को गंभीरता से सुनते हुए 1500 करोड़ रुपये देने का आश्वासन दिया।
नेताओं की प्रतिक्रियाएं
- राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि पीएम ने उम्मीद से ज्यादा राहत दी है।
- जयराम ठाकुर ने कहा कि पीएम ने न सिर्फ राहत दी, बल्कि पीड़ितों को हिम्मत भी बंधाई।
- अनुराग ठाकुर ने इसे हिमाचल के लिए “जख्मों पर मरहम” बताया।
- राजीव बिंदल ने कहा कि पीएम हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते हैं और हर मदद के लिए साथ खड़े हैं।
- कंगना रणौत ने कहा कि पीएम ने पूरे प्रदेश के हालात को समझते हुए राहत पैकेज दिया है।
पीएम मोदी ने साफ कहा कि हिमाचल उनके लिए दूसरा घर है और आपदा की इस घड़ी में केंद्र सरकार राज्य के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।