
- नेपाल में कानूनी अधिकार से 5 लाख भारतीय रह रहें हैं।
- नेपाल में दो लाख भारतीय प्रभावित हैं।
- अब तक 1000 से अधिक पर्यटकों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
- काठमांडू एयरपोर्ट बंद होने से 2500 भारतीय फंसे।
- भारतीय कारोबारियों की संपत्तियों पर हमला।
- भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि हर भारतीय नागरिक की सुरक्षित निकासी प्राथमिकता है।
Nepal Zen-G Protest : नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता और तख्तापलट की स्थिति के बीच भारत सरकार ने अपनी रणनीति को तेज कर दिया है। भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया है कि हर भारतीय नागरिक की सुरक्षित निकासी उनकी प्राथमिकता है। इस बीच नेपाल में करीब 5 लाख भारतीय नागरिक अपने कानूनी अधिकारों के तहत रह रहे हैं, जिनमें से दो लाख प्रभावित हैं।
नेपाल में अभी भी कई भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, जिनमें से अधिकांश का कहना है कि उन्हें सहायता की आवश्यकता है। अब तक, भारतीय अधिकारियों ने 1000 से अधिक पर्यटकों और नागरिकों को सुरक्षित निकालने में सफलता हासिल की है। हालांकि, काठमांडू एयरपोर्ट के बंद होने के कारण लगभग 2500 भारतीय अभी भी फंसे हुए हैं, जिनके निकलने का रास्ता नहीं है।
इसके अलावा, नेपाल में भारतीय कारोबारियों की संपत्तियों पर हुए हमलों की घटनाएं भी सामने आ रही हैं, जिससे उनके व्यवसाय और निवेश को खतरा पैदा हो गया है। भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने कहा, “हर भारतीय नागरिक की सुरक्षित निकासी हमारी पहली प्राथमिकता है। हम नेपाल में फंसे अपने नागरिकों को मदद पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”
भारतीय सरकार ने कहा है कि वह नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों के लिए विशेष सहायता केंद्र और राहत अभियान चला रही है। भारतीय दूतावास ने भारत लौटने के इच्छुक नागरिकों के लिए विशेष व्यवस्था की है, और नेपाल में भारतीय अधिकारियों की टीम लगातार स्थिति पर नजर रख रही है।
यह स्थिति नेपाल में राजनीतिक संकट के गहराते संकट को दर्शाती है, जिसमें भारतीय नागरिकों और कारोबारियों दोनों को सुरक्षित निकालने की जिम्मेदारी भारत सरकार की है। आशंका है कि यदि स्थिति और बिगड़ी, तो और अधिक भारतीय नागरिक फंसे रह सकते हैं, इसलिए भारतीय सरकार ने पूरे सतर्कता के साथ कदम उठाए हैं।
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