
काठमांडू:
नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने को लेकर शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के एक दिन बाद, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया. यह इस्तीफा प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में कम से कम 19 लोगों की मौत और कई अन्य के घायल होने के बाद आया. जैसे-जैसे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन बढ़ता गया, नेपाली सेना ने भैसपति स्थित मंत्रियों के आवासों से उन्हें निकालने के लिए हेलीकॉप्टर तैनात कर दिए. वहीं तख्तापलट के बाद अब यह देखना होगा कि देश का नया पीएम कौन बनेगा. फिलहाल चर्चा तीन नामों की है जिसमें बालेन शाह का नाम सबसे ऊपर है.
कौन हैं वो 3 लोग
नेपाल में हुए उपद्रव के बाद तीन नेताओं का कद बढ़ा है. ये तीन नाम बालेंद्र शाह, रवि लामिछानी और दुर्गा प्रसाई का है. इनमें बालेंद्र और रवि बिल्कुल युवा नेता हैं. पहला नाम काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह का है. बालेन्द्र शाह निर्दलीय चुनाव जीते थे. इनके फेसबुक पर बहुत बड़ी संख्या में फॉलोअर्स हैं और ये हमेशा अपना संदेश फेसबुक पर जारी करते रहे हैं. इन्होंने सबसे ज्यादा सरकारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.
जेल से बाहर रवि
दूसरा नाम रवि लामिछानी का है. रवि लामिछानी पेशे से पत्रकार हैं. उन्होंने राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी बनाई और एक बिजनेसमैन के निवेश के जरिए एक न्यूज चैनल शुरू किया था. नेपाल सरकार ने रवि के चैनल पर कॉपरेटिव के पैसे लगाने का आरोप लगाते हुए जेल भेज दिया था. हालांकि उनका मामला कोर्ट में चल रहा था और उनपर लगे आरोपों पर कोई फैसला नहीं आया था. इनकी पार्टी ने पहली बार के चुनाव में संसद की 20 सीटें जीत लीं थीं. आज प्रदर्शनकारियों ने रवि को जेल से बाहर निकाल लिया.
प्रसाई को भी समर्थन
तीसरा नाम दुर्गा प्रसाई का है. ये राजा समर्थक हैं. इनका राजनैतिक इतिहास कई दलों से जुड़ा हुआ है. बीते कुछ सालों में दुर्गा प्रसाई ने राजशाही के समर्थन में बड़े आंदोलन किए हैं. काठमांडू में कुछ समय पहले राजशाही के समर्थन में हुई बड़ी रैली को अगुवाई दुर्गा प्रसाई ने की थी.