Bahraich : UP में नियमों की धज्जियाँ उड़ाते ADO पंचायत, निजी गाड़ी पर ‘यूपी सरकार’ और विधायक का पास लगाकर दिखा रहे धौंस!

Bahraich, Visheshwarganj : एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। विशेश्वरगंज के सहायक विकास अधिकारी (ADO) पंचायत, तेज नारायण, एक गंभीर विवाद के केंद्र में आ गए हैं। उनकी निजी स्विफ्ट कार (UP 32 MS 4366) पर न सिर्फ ‘उत्तर प्रदेश सरकार’ लिखा मिला, बल्कि इस पर एक विधायक का पास भी लगा हुआ पाया गया। यह दोनों कृत्य सरकारी नियमों का सीधा उल्लंघन हैं और इस मामले पर प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।

नियमों का खुला उल्लंघन

उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी गाड़ियों पर ‘उत्तर प्रदेश सरकार’ या ‘सरकारी गाड़ी’ लिखने पर सख्त प्रतिबंध लगाया है। यह नियम इसलिए बनाया गया ताकि अधिकारी अपनी व्यक्तिगत हैसियत का दुरुपयोग न कर सकें और आम जनता पर धौंस न जमा पाएं। लेकिन, ADO तेज नारायण ने इस नियम की पूरी तरह अनदेखी करते हुए अपनी निजी गाड़ी पर यह लिखवा रखा है।

यह कृत्य न केवल नियमों की अवहेलना है, बल्कि उनकी मंशा पर भी सवाल खड़े करता है। क्या वह इस तरह जनता पर अपना रौब जमाना चाहते हैं? क्या यह समाज में अपनी धाक जमाने की कोशिश है?

विधायक का पास: नियमों का दोहरा उल्लंघन

चौंकाने वाली बात यहीं खत्म नहीं होती। ADO ने अपनी निजी गाड़ी पर विधायक का पास भी लगाया हुआ है। ऐसे पास केवल उन्हीं वाहनों को दिए जाते हैं जो विधायक के आधिकारिक कार्यों से संबंधित होते हैं। एक सहायक विकास अधिकारी द्वारा अपनी निजी कार पर इस तरह का पास लगाना भी नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। यह दोहरा उल्लंघन यह दिखाता है कि कुछ अधिकारी खुद को कानून से ऊपर समझते हैं और नियम-कायदों की परवाह किए बिना मनमानी करते हैं।

प्रशासन की चुप्पी पर उठते सवाल

इस गंभीर उल्लंघन के बावजूद स्थानीय प्रशासन और विभाग के उच्च अधिकारी पूरी तरह से मौन हैं। उनकी यह चुप्पी कई संदेह पैदा करती है। क्या उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है, या फिर ADO की गहरी पहुंच के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही? यह सवाल आम जनता के मन में उठ रहे हैं और इससे प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है।

यह मामला यह साबित करता है कि कुछ अधिकारी खुद को कानून से ऊपर समझते हैं। अब सबकी निगाहें प्रशासन पर टिकी हैं कि क्या इस पर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नियम केवल आम जनता के लिए हैं या अधिकारी भी उनके दायरे में आते हैं।

इस संबंध में BDO अजय प्रताप सिंह से बात की गई। उन्होंने बताया कि मौके की जांच कराकर कार्रवाई की जा रही है।

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