नेपाल में बेकाबू हालात, हिंसक प्रदर्शन के चलते काठमांडू एयरपोर्ट बंद. …देखें VIDEO

Kathmandu Airport Closure : नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, यूट्यूब और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लगाए गए प्रतिबंध के विरोध में सोमवार को हजारों युवा सड़कों पर उतर आए. विरोध की अगुवाई जनरेशन जेड ने की, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती है. यह प्रदर्शन शुरुआत में शांतिपूर्ण था, लेकिन धीरे-धीरे सरकार के खिलाफ गुस्से और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उग्र होता गया. हिंसा के बीच त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रभावित  प्रदर्शनकारियों द्वारा राजधानी काठमांडू के विभिन्न इलाकों में आगजनी की घटनाओं से उठे धुएं के कारण त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की दृश्यता बेहद कम हो गई. इसके चलते काठमांडू एयरपोर्ट से विमानों की लैंडिंग, विशेष रूप से दक्षिणी हिस्से से, आंशिक रूप से रोक दी गई. इंडिगों की दो उड़ाने डायवर्ट
फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24 के अनुसार, भारत से आने वाली कई उड़ानें नेपाल के आसमान में चक्कर काटती रहीं. अंततः इंडिगो की दो उड़ानें – 6E1153 (दिल्ली-काठमांडू) और 6E1157 (मुंबई-काठमांडू) – को लखनऊ डायवर्ट कर दिया गया. एयर इंडिया की तीन उड़ानें – AI2231/2232, AI2219/2220 और AI217/218 – जो दिल्ली से काठमांडू के लिए निर्धारित थीं, मंगलवार को रद्द कर दी गईं. इंडिगो ने एडवाइजरी जारी कर कहा कि अगले आदेश तक काठमांडू के लिए सभी उड़ानें स्थगित रहेंगी. काठमांडू बना हिंसा का केंद्र काठमांडू में प्रदर्शन इतने तीव्र हो गए कि संसद भवन तक को घेर लिया गया. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और वॉटर कैनन का सहारा लिया, लेकिन प्रदर्शनकारियों की संख्या इतनी अधिक थी कि सुरक्षा बलों को संसद भवन के भीतर शरण लेनी पड़ी. प्रदर्शन अब सिर्फ सोशल मीडिया बैन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह व्यापक भ्रष्टाचार और जन असंतोष के खिलाफ आंदोलन में तब्दील हो गया. राजनीतिक अस्थिरता चरम पर, प्रधानमंत्री का इस्तीफा मंगलवार को स्थिति और बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और अन्य वरिष्ठ नेताओं के आवासों में आग लगा दी. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में संसद भवन और नेताओं के घरों से उठता धुआं साफ देखा जा सकता है. इस अभूतपूर्व दबाव और हिंसा को देखते हुए प्रधानमंत्री ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बावजूद प्रदर्शन थमा नहीं है. शिक्षा और जनजीवन प्रभावित, स्कूल बंद राजधानी में हिंसा के चलते मंगलवार को सभी स्कूल बंद कर दिए गए. प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को मारे गए 19 लोगों की मौत के विरोध में फिर से संसद भवन के बाहर इकट्ठा होकर नारेबाज़ी की, भले ही इलाके में कर्फ्यू लागू कर दिया गया था. जल्द समाधान की आवश्यकता नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध से उपजा यह जनआंदोलन अब राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक विद्रोह का रूप ले चुका है. इसका असर केवल शासन-प्रशासन तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और आम जनजीवन पर भी पड़ा है. यदि जल्द ही सरकार और जनता के बीच संवाद स्थापित नहीं हुआ, तो यह संकट और गहराता चला जाएगा. नेपाल के लिए यह एक निर्णायक मोड़ है, जहां लोकतांत्रिक मूल्यों और जनआकांक्षाओं के बीच संतुलन बनाना अब अनिवार्य हो गया है.

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें