
हरिद्वार। बहादराबाद की शुभम सिटी कॉलोनी में पिरामिड कॉलोनाइज़र का घोटाला खुलकर सामने आ गया है। करोड़ों की ठगी, अवैध निर्माण और खुलेआम नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। एचआरडीए और रेरा ने कॉलोनी को पहले ही अवैध घोषित कर दिया था, फिर भी निर्माण धड़ल्ले से जारी हैं। कार्रवाई सिर्फ नोटिस तक सीमित और कॉलोनाइज़र की जेबें भरती जा रही हैं।
पलायन करने को मजबूर परिवार
बुनियादी सुविधाओं का अभाव— न सीवर, न सड़क, न जल निकासी। हालात इतने बदतर कि कई परिवार घर छोड़ चुके हैं। डेढ़ महीने से बच्चों की पढ़ाई बंद है, अभिभावकों में आक्रोश है।
रिटायर्ड फौजी ने लगाई गुहार
भारतीय सेना से रिटायर्ड प्रमोद चौधरी बोले –
“कॉलोनाइज़र संजीव गुप्ता और सरोज रावत से जान का खतरा है। विरोध करने पर फर्जी मुकदमे और धमकी मिल रही है।” उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री से न्याय की अपील की है।
घोटालेबाज का पुराना इतिहास
संजीव गुप्ता पहले भी ऑक्टागनल बिल्डर घोटाले में आरोपी रह चुका है। एसआईटी जांच अब भी जारी है। इसके बावजूद उसी के खिलाफ नया घोटाला— सवाल यह है कि प्रशासन देख रहा है या आंखें मूंदे बैठा है?
धमकी का वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर धमकी का वीडियो वायरल। सरोज रावत रिटायर्ड फौजी के घर पहुँचकर हाथ उठाने की चेतावनी देती दिखी। कॉलोनीवासियों में दहशत और गुस्सा दोनों।
कॉलोनीवासियों ने लगाए गंभीर आरोप
कॉलोनीवासियों का आरोप है कि स्थानीय शांतरशाह चौकी के पुलिसकर्मी संजीव गुप्ता और उनकी महिला सहयोगी सरोज रावत को संरक्षण दे रहे हैं। शिकायत दर्ज करने की बजाय पीड़ितों को डराया–धमकाया जा रहा है। लोगों ने मांग की है कि सब इंस्पेक्टर करण सिंह चौहान पर विभागीय जांच बैठे और निष्पक्ष कार्रवाई हो।
प्राधिकरण का जवाब— “मैं दिखवाता हूँ”
जब एचआरडीए के एई डीएस रावत से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा— “मैं दिखवाता हूँ।”
लोगों का कहना है, यही बयान साबित करता है कि मिलीभगत गहरी है।
- पिरामिड कॉलोनाइज़र पर ठगी और धमकी का आरोप
- एचआरडीए–रेरा ने कॉलोनी को अवैध घोषित किया, फिर भी निर्माण जारी
- 143 रिहायशी क्षेत्र में शामिल नहीं, फिर भी दर्जनों मकान खड़े
- कॉलोनीवासियों का आरोप— शांतरशाह चौकी पुलिस दे रही संरक्षण
- पीड़ित बोले— नोटिस नहीं, अब ठोस कार्रवाई चाहिए