
Lakhimpur : छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध गोला गोकर्णनाथ नगर एक बार फिर विश्व पटल पर गौरव से अंकित हुआ है। नगर के वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार संत कुमार बाजपेई ‘संत’ ने अपनी नवीनतम पुस्तक “जागो बन्धु जगाते लोग” के माध्यम से विश्व की सबसे लंबी ग़ज़ल लिखकर इतिहास रच दिया है। इस ग़ज़ल में 1,721 शेर हैं, जो अब तक की सबसे लंबी ग़ज़ल मानी जा रही है।
इस अद्वितीय उपलब्धि को द बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (दुबई) में दर्ज किया गया है, जिससे गोला गोकर्णनाथ का नाम अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक मानचित्र पर उजागर हुआ है। इस उल्लेखनीय उपलब्धि के उपलक्ष्य में नगर पालिका परिषद की पूर्व अध्यक्ष मीनाक्षी अग्रवाल कवि संत कुमार बाजपेई ‘संत’ के आवास पर पहुंचीं। उन्होंने कविवर को स्मृति चिन्ह, अंग वस्त्र और पुष्पमालाओं से सम्मानित किया और उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा, “संत कुमार बाजपेई ‘संत’ ने अपनी लेखनी से न केवल साहित्य जगत को समृद्ध किया है, बल्कि छोटी काशी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई है। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है।”
गौरतलब है कि “जागो बन्धु जगाते लोग” पुस्तक का विमोचन भी पूर्व पालिका अध्यक्ष मीनाक्षी अग्रवाल के कर-कमलों द्वारा ही संपन्न हुआ था। ग़ज़ल में सामाजिक जागरूकता, मानवीय संवेदनाएं, राष्ट्रभक्ति और समसामयिक विषयों को सहज और प्रभावशाली भाषा में प्रस्तुत किया गया है।
इस सम्मान समारोह में नगर के प्रमुख समाजसेवी एवं साहित्यप्रेमी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अरविंद पांडे, सुनील शुक्ला, श्रीकांत तिवारी, भगवती प्रसाद मिश्रा ‘बेधड़क’, यतीश चंद्र शुक्ला, श्याम कली बाजपेई, रवि सुत शुक्ला, वीरेश बाजपेई एवं शिवम सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही।
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