
बरेली। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा हाल ही में धार्मिक त्याेहारों व कानून व्यवस्था को लेकर उठाए गए सवालों पर मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कड़ा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि सपा शासनकाल में अराजकता चरम पर थी, महिलाओं की सुरक्षा दांव पर थी और हर महीने किसी न किसी शहर में दंगे-फसाद के चलते कर्फ्यू लगाना पड़ता था।
मौलाना रजवी ने मंगलवार काे वीडियाे जारी कर कहा कि उस दौर में शाम सात बजे के बाद महिलाएं अकेले सड़क पर निकलने से कतराती थीं। गुंडागर्दी, जमीनों पर कब्जा और लूटमार आम बात थी। मगर मौजूदा सरकार में हालात बिल्कुल उलट हैं। आज महिलाएं रात एक बजे तक भी बिना डर-खौफ के घर से बाहर निकल सकती हैं। न कोई ताकतवर गरीब की जमीन हड़प सकता है और न ही किसी पर दबंगई चलती है। मौजूदा समय में कानून सबसे बड़ा है और हर व्यक्ति कानून की नजर में बराबर है।
उन्होंने कहा कि बीते आठ वर्षों में प्रदेश में कांवड़ यात्रा, मोहर्रम और ईद-मिलादुन्नबी समेत तमाम बड़े धार्मिक आयोजन पूरी शांति व भाईचारे के साथ सम्पन्न हुए। न तो दंगे हुए और न ही किसी को चोट पहुंची। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश यादव को अपने शासनकाल में चौपट कानून व्यवस्था पर शर्म करनी चाहिए। मुजफ्फरनगर दंगा उनकी सरकार की नाकामी की सबसे बड़ी मिसाल है।
मौलाना रजवी ने आरोप लगाया कि सपा शासन में अखिलेश यादव नाम के सीएम तो थे, लेकिन असल में पर्दे के पीछे तीन और लोग मुख्यमंत्री की तरह आदेश चलाते थे। जबकि मौजूदा सरकार में ऐसा कुछ नहीं है। किसी घटना पर पुलिस-प्रशासन तुरंत सक्रिय हो जाता है और स्थिति को संभाल लेता है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में हर तरफ कानून का राज कायम है।