
नई दिल्ली। नेपाल सरकार द्वारा कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगाए जाने के बाद राजधानी काठमांडू घाटी समेत देशभर के कई शहरों में गुस्साए युवाओं ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि प्रदर्शनकारी संसद परिसर तक जा पहुंचे।
न्यू बानेश्वर स्थित संघीय संसद परिसर में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए और गेट फांदकर अंदर घुस गए। शुरुआत में प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन पुलिस द्वारा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारें किए जाने के बाद हालात बेकाबू हो गए।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप, रेडिट और X सहित 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर रोक लगा दी थी।
कौन हैं Gen-Z?
Gen-Z या जेनरेशन Z उन लोगों को कहा जाता है जो लगभग 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए हैं। यह पीढ़ी डिजिटल तकनीक, इंटरनेट और सोशल मीडिया के साथ बड़ी हुई है, इसलिए इन्हें ‘डिजिटल नेटिव्स’ भी कहा जाता है।
यह पीढ़ी तकनीक में बेहद दक्ष मानी जाती है। वे इंस्टाग्राम, यूट्यूब और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर सबसे ज्यादा सक्रिय रहते हैं और मीम्स, ट्रेंडिंग चैलेंज तथा डिजिटल कंटेंट क्रिएशन में गहरी रुचि दिखाते हैं। इसके अलावा, Gen-Z अपनी खुली सोच और नई चीजें अपनाने की क्षमता के लिए भी जानी जाती है।