दरबार के दुश्मनों को निबटाने की साजिश : धीरे-धीरे जेल में जुटे अखिलेश दुबे के डेढ़ दर्जन शागिर्द…

  • साकेत दरबार की तमाम खुफिया जानकारियों और विष-कन्याओं के नाम-पते उजागर करने वाले दो गद्दारों को सख्त सजा का ऐलान किया गया है। इसके साथ-साथ शिकायतों-एफआईआर के सहारे मोर्चे पर मुस्तैद चार दुश्मनों को शूटरों के जरिए सबक सिखाने की साजिश है। चर्चा है कि, खौफजदा आका ने विष-कन्याओं की मदद से कुछ चर्चित चेहरों की चरित्र-हत्या का ताना-बाना बुना है। साजिश को जेल के अंदर रहते अंजाम देने की तैयारी है, ताकि षडयंत्र का मुल्जिम बनाने का रास्ता बंद रहे।

भास्कर ब्यूरो
कानपुर। दीनू उपाध्याय को सोनभद्र जेल ट्रांसफर करने के बावजूद, जिला कारागार में फिलवक्त अखिलेश दुबे सिंडिकेट से प्रत्यक्ष-परोक्ष जुड़े 18 चेहरे जिला कारागार के अंदर पहुंच चुके हैं। पुख्ता खबर है कि, जेल अस्पताल के अंदर घंटों के हिसाब से पंचायत में साकेत दरबार के दुश्मनों और गद्दारों को सबक सिखाने के लिए साजिश रची गई है। साजिश को अंजाम जमानत से पहले देने की तैयारी है, ताकि दुस्साहस में बतौर साजिशकर्ता शामिल करने से पहले खाकी को तमाम मर्तबा सोचना पड़े। मुलाकातियों और जेल से रिहा होने वाले शागिर्दों के माध्यम से शहर में मौजूद कुख्यात शूटरों-लफंगों और विष-कन्याओं के जरिए विरोधियों को निबटाने की चर्चा है। खबर है कि, जेल में साजिश की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद अखिलेश दुबे को प्रदेश के किसी दूरस्थ जिले के कारागार में ट्रांसफर करने की तैयारी है।

जेल अस्पताल में बनाई साजिश की स्क्रिप्ट
जानकारी के मुताबिक, बॉर एसोसिएशन का पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह लीवर सिरोसिस के कारण जेल अस्पताल में भर्ती है, जबकि अखिलेश दुबे को देसी शौचालय में समस्या के कारण कमोड वाली बैरक नंबर-1 में ट्रांसफर किया गया है। चाचा आका की सेवा के लिए लवी मिश्रा भी बैरक नंबर-1 में साथ रहता है। संजय और मनु उपाध्याय के साथ-साथ सिंडिकेट के सदस्य अन्य बैरकों में रखे गए हैं। विक्की ठाकुर, दीपक जादौन और गोपाल चौहान फिलहाल मुलाहिजा बैरक में हैं। हत्या के मामले में निरुद्ध ब्राह्मण चेहरे ने जेल से रिहाई के बाद दावा किया, अलग-अलग बैरक में बंद सिंडिकेट के सदस्य बंदीरक्षकों की मेहरबानी से बीमारियों का हवाला देकर रोजाना जेल अस्पताल पहुंचते हैं। फिर यहां होती है दुश्मनों-गद्दारों को निबटाने की साजिश।

शागिर्द क्षेत्राधिकारी को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
जेल के पुख्ता सूत्रों पर यकीन करें तो साकेत दरबार के मुखिया अखिलेश दुबे एफआईआर से ज्यादा दरबार की खुफिया जानकारियों के उजागर होने परेशान हैं। बिठूर और मालरोड से लेकर नैनीताल-भीमताल की संपत्तियों के बारे में पुलिस तक कागजात पहुंचाने वाले ब्राह्मण बिरादरी के भूतपूर्व शागिर्द को करारा सबक सिखाने के लिए दरबार से जुड़े ब्राह्मण क्षेत्राधिकारी को जिम्मेदारी सौंपने की चर्चा है। इसी के साथ जेल में आए दिन मुलाकात के लिए पहुंचने वाले परिजनों और परिचितों के जरिए शहर में माहौल बनाने का प्रयास है कि, भैया जल्दी बाहर आएंगे, फिर सबकुछ ठीक कर देंगे। जमानत पर जेल से रिहा होने वाले चेलों के जरिए शूटर्स तक संदेश भेजने की चर्चा गूंज रही है।

आजाद हैं शूटर्स और जेल ट्रांसफर की तैयारी
अखिलेश दुबे सिंडिकेट से रिश्ता रखने वाला नई सड़क के अयाज टायसन के साथ-साथ पिंटू सेंगर हत्याकांड में अभियुक्त जाजमऊ निवासी तनवीर बादशाह शहर में चोरी-चुपके मौजूद हैं। सिंडिकेट के अन्य शूटर्स नई सड़क का चांद कुरैशी, हैदर, पिंकू माली और नवाबगंज क्षेत्र का ढाबा आका के इशारे पर कोई भी वारदात करने से नहीं चूकेंगे। नवाबगंज वाला कुख्यात ढाबा तो सिंडिकेट के सदस्य पिता-पुत्र के इशारे पर दुश्मन को निबटाता है। गौरतलब है कि, फिलहाल पिता-पुत्र तक कानून के हाथ नहीं पहुंचे हैं। दूसरी ओर, जेल में साजिश की भनक लगते ही कमिश्नरेट पुलिस ने अखिलेश दुबे को प्रदेश के दूरस्थ जिले के कारागार में ट्रांसफर करने के लिए लिखा-पढ़ी करना शुरू कर दिया है।

सतीजा और प्रज्ञा की सुरक्षा में गनर तैनात
मोर्चे पर मुस्तैद और अखिलेश दुबे के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज कराने वाले भाजपा नेता रवि सतीजा के साथ-साथ अश्लील साहित्य की शिकार प्रज्ञा त्रिवेदी को कमिश्नरेट पुलिस ने सुरक्षा मुहैया कराई है। सिंडिकेट के रिश्ता तोड़कर ऐलान-ए-जंग करने वाले मनोहर शुक्ला को दागदार अतीत के कारण फिलहाल सुरक्षा मिलने में दिक्कत है। अखिलेश दुबे और पप्पू स्मार्ट की जुगलबंदी को उजागर करते हुए कोतवाली में एफआईआर लिखाने वाले राजनीतिक दल के अध्यक्ष ने सियासी कारणों से सुरक्षा लेना मुनासिब नहीं समझा है। आरटीआई कार्यकर्ता सौरभ भदौरिया सुरक्षा के लिए लगातार गुहार लगा रहे हैं। सिंडिकेट के निशाने पर आए तीनों पत्रकार बेखौफ होकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। कॉलेज संचालक ब्राह्मण के साथ-साथ छात्र राजनीति से कचहरी का सफर तय करने वाले क्षत्रिय अधिवक्ता भी सिंडिकेट की नजर में जानी दुश्मन है।

जेल में कैद सिंडिकेट के सदस्य
अखिलेश दुबे, शैलेंद्र उर्फ टोनू यादव, लवी मिश्रा, संजय उपाध्याय, मनु उपाध्याय, रामखिलावन, रामभरोसे, नारायण सिंह भदौरिया, अनूप शुक्ला, विपिन गुप्ता, अरिदमन सिंह, दीपक जादौन, विकास सिंह उर्फ विक्की ठाकुर, गोपाल सिंह चौहान, शाहिद पिच्चा, युसूफ चटनी, सनी मौरंग, जीशान मौरंग।

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