
चंडीगढ़ : पंजाब में बाढ़ से बने हाहाकार के बीच प्रभावित लोगों के बचाव, मुआवजा, पुनर्वास और सरकारी कुप्रबंधन के खिलाफ लगातार जनहित याचिकाएं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दायर की जा रही हैं।
हालाँकि कोर्ट ने तुरंत दखल देने से इनकार किया और कहा कि अभी अधिकारियों को जमीनी स्तर पर राहत कार्यों में ध्यान देना चाहिए। यदि उनसे शपथ पत्र या जवाब मांगा गया तो वे कागजी कार्रवाई में उलझ जाएंगे।
अब सभी संबंधित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई होगी। यह याचिका मोहाली निवासी नवींदर वीके सिंह ने दाखिल की थी।
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्य पाल जैन ने कोर्ट को बताया कि केंद्र और राज्य सरकारें राहत कार्यों में गंभीरता से जुटी हैं। कृषि मंत्री स्वयं पंजाब का दौरा कर चुके हैं। पंजाब सरकार के वकील ने अदालत को यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है।
गौरतलब है कि 2 सितंबर को भी हाईकोर्ट ने बाढ़ राहत और पुनर्वास कार्यों की न्यायिक निगरानी की मांग वाली एक याचिका पर कोई आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था।