बांध हमेशा भरे रहें, यह गलत सोच है…पंजाब बाढ़ संकट पर बोले बीबीएमबी चेयरमैन

चंडीगढ़ : पंजाब में बाढ़ से मची तबाही के बीच भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह सोच बदलनी होगी कि बांध हमेशा भरे रहें। मानसून में अतिरिक्त पानी आने पर बांधों से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ना पड़ता है, जिससे हालात बिगड़ जाते हैं।

त्रिपाठी ने बताया कि भाखड़ा का जलस्तर लंबे समय से 1400 फीट तक नहीं गया था, लेकिन इस बार भीषण बारिश के कारण बांधों में रिकॉर्ड मात्रा में पानी आया। पौंग बांध में अब तक 20% अधिक पानी दर्ज हुआ है—1 जुलाई से 5 सितंबर तक 11.70 बीसीएम, जबकि 2023 में 9.52 बीसीएम रहा था। भाखड़ा में भी 9.11 बीसीएम पानी आया, जो 1988 जैसी बाढ़ के बराबर है। वर्तमान में भाखड़ा से 75 हजार क्यूसेक पानी रोजाना छोड़ा जा रहा है

उन्होंने कहा कि राज्यों को डर रहता है कि कम बारिश में पानी की कमी हो जाएगी, लेकिन यह सोच सही नहीं है। “क्या हरियाणा को पानी देने से बाढ़ नहीं आती?” सवाल पर त्रिपाठी ने कहा कि फर्क मामूली पड़ता, क्योंकि हरियाणा सिर्फ 8800 क्यूसेक पानी मांग रहा था, जबकि अब हजारों क्यूसेक छोड़ा जा रहा है।

चेयरमैन ने साफ कहा कि बांधों की सुरक्षा और गाद निकालने का काम बेहतर ढंग से होना चाहिए, लेकिन राज्यों के दखल से यह बाधित होता है।

सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम

त्रिपाठी ने बताया कि पंजाब सरकार के विरोध के बावजूद नंगल में सीआईएसएफ तैनात कर दी गई है। उन्होंने कहा कि 2021 में इसका निर्णय हो चुका था और सभी साझेदार राज्य सहमत हैं। पंजाब सिविल सचिवालय समेत सभी संवेदनशील स्थानों पर सीआईएसएफ तैनात रहेगी।

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