
झाँसी, बबीना। जनपद झाँसी के बबीना में जश्न-ए-ईद-मिलादुन्नबी के मौके पर शुक्रवार को शास्त्री नगर मस्जिद से जुलूस-ए-मोहम्मदी बड़े ही अकीदतमंदाना माहौल में रवाना हुआ। पैग़ाम-ए-अमन के परचम के साथ निकले इस जुलूस से पूरा इलाका “या रसूल अल्लाह”, “नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर” और “सबसे प्यारा नबी हमारा” के नारों से गूंज उठा।
जुलूस से पहले नबी-ए-पाक के नाम पर परचम-ए-अमान को तोप से सलामी पेश की गई। इसके बाद उलमा-ए-किराम और बुज़ुर्गों की क़यादत में जुलूस रवाना हुआ, जिसमें तक़रीबन सैंकड़ों की संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए।
जगह-जगह इस्तक़बाल और तक़सीम-ए-शीरिनी
जैसे-जैसे जुलूस आगे बढ़ा, शहर के अलग-अलग हिस्सों में लोगों ने इस्तक़बाल के लिए स्टॉल लगाए। कहीं ठंडा पानी पिलाया गया, तो कहीं हलवा, बिस्किट और केक तक़सीम करके लोगों का मुँह मीठा कराया गया। बच्चों और नौजवानों ने नात-ए-पाक पेश कीं और बुजुर्गों को तुहफ़े व दस्तार (पगड़ी) पहनाकर नवाज़ा गया।

थाना प्रभारी का तक़रीमी इस्तक़बाल जुलूस के दौरान मुस्लिम बिरादरी की तरफ से थाना प्रभारी बबीना इंस्पेक्टर तुलसीराम पाण्डेय का भी जगर-मगर इस्तक़बाल किया गया। उन्हें जगह-जगह फूल मालाओं और दस्तार से नवाज़ा गया। अकीदतमंदों ने उन्हें “अमन व सलामती के रहनुमा” कहते हुए उनकी खिदमत की सराहना की।
पुलिस की मुस्तैदी सुरक्षा के सख़्त इंतज़ामात के बीच जुलूस पूरी अमन व भाईचारे के साथ संपन्न हुआ। थाना प्रभारी बबीना इंस्पेक्टर तुलसीराम पाण्डेय के नेतृत्व में जुलूस की निगरानी की गई ताकि कोई शर-पसंद अना-सिर न पैदा कर सके।
अमन और भाईचारे का पैग़ाम पूरा जुलूस पैग़ाम-ए-अमन और मोहब्बत-ए-रसूल का संदेश देते हुए शांति से सम्पन्न हुआ। जगह-जगह पर किए गए इस्तक़बाल और तक़रीम ने जश्न-ए-मीलाद की रौनक को और बढ़ा दिया।
जुलूस शास्त्री नगर, ब्लॉक हॉस्पिटल, मैन रोड, स्टेशन रोड, बुधबाजार, तिवारयाना और बीजसेन मोहल्ला से होता हुआ सदर जामा मस्जिद पर अमन व भाईचारे की दुआओं के साथ सम्पन्न हुआ।
अहम शिरकत इस मौके पर सदर जामा मस्जिद युसूफ राइन, उप सदर आशिक मंसूरी, हाजी फरहान, हाजी मुबीन, हाजी सलीम, हाजी मुन्ना, हाजी गुलज़ार, सादिक मंसूरी, लियाक़त ठेकेदार, शौकत पहलवान, हासिर मंसूरी, साबिर मंसूरी, बिलाल कुरैशी, ईशाक राइन, शहीद पहलवान, आरिफ मंसूरी (पत्रकार), रफीक राइन (पत्रकार), हाजी लियाकत राइन, हन्नु कुरैशी, रेहमान कुरैशी, सुबराती पहलवान, सलीम मंसूरी, अहमद फौजी, जमील उस्ताद, शहजाद मंसूरी, ताज मंसूरी, इनायत पठान, जाकिर राइन, नईम खान, सूके शाह, वसीम पठान, साहिल मसूरी, कुक्कू मंसूरी, राशिद पठान, शहबाज पठान, बल्ली मंसूरी सहित सैकड़ों मुस्लिम युवा और बुजुर्ग मौजूद रहे।
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