
Moradabad: थाना कुंदरकी क्षेत्र के गांव असादपुर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां पागल कुत्ते ने मासूम बच्चों पर जानलेवा हमला कर उन्हें लहूलुहान कर दिया। लेकिन इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि पीड़ित परिवार लगातार प्रशासन को मदद के लिए कॉल करता रहा, मगर किसी भी अधिकारी ने उनकी कॉल उठाना मुनासिब नहीं समझा।
गांव असादपुर में पागल कुत्ते के हमले से मासूम बच्चों की जान पर बन आई। घायल बच्चों के परिजन न्याय और मदद के लिए अधिकारियों को फोन करते रहे, लेकिन किसी भी अधिकारी ने उनकी कॉल रिसीव नहीं की। परिजनों का आरोप है कि प्रशासन की यह बेरुखी बच्चों की जान से खिलवाड़ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से पहले ही निर्देश दिए गए थे कि जिले के सभी अधिकारी किसी भी हाल में अपना सीयूजी नंबर उठाएं और जनता की समस्याएं सुनें। लेकिन असादपुर के इस मामले ने सरकारी गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा दीं।
यहां तक कि इससे पहले भी इसी क्षेत्र में बंदरों के हमले से एक मासूम की मौत हो चुकी है और दूसरा गंभीर रूप से घायल हुआ था। बावजूद इसके, प्रशासनिक मशीनरी आंख मूंदकर बैठी है।
बाइट (संभावित पीड़ित परिजन)
“हमने उच्च अधिकारियों को कई बार फोन किया, लेकिन किसी ने हमारी कॉल नहीं उठाई। हमारे बच्चे जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं, लेकिन प्रशासन को हमारी परवाह नहीं।”
लगातार कुत्तों और बंदरों के हमलों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। सवाल यह है कि आखिर कब तक प्रशासन आंख मूंदकर सोता रहेगा और कब तक मासूमों की जान पर खतरा मंडराता रहेगा?
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