Basti : टीईटी अनिवार्यता पर पुनर्विचार की मांग, एमएलसी को ज्ञापन सौंपा

Basti : तीन–तीन दशक तक शिक्षा जगत की सेवा देने वाले अनुभवी शिक्षक आज न्याय की गुहार लगाने को विवश हैं। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 30–35 वर्ष पूर्व नियुक्त शिक्षकों को भी पदोन्नति के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य करने के आदेश ने शिक्षकों के मन में गहरी पीड़ा और असंतोष भर दिया है। इसी क्रम में शुक्रवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला कोषाध्यक्ष अभय सिंह यादव की अध्यक्षता में शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने विधान परिषद सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह को राष्ट्रपति संबोधित ज्ञापन सौंपकर इस अन्यायपूर्ण आदेश पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

ज्ञापन लेते हुए एमएलसी ने शिक्षकों के दुख को अपनी संवेदना के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि “यह आदेश न केवल अमानवीय बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है। जब नियुक्ति के समय टीईटी की शर्त नहीं थी, तब आज 30–35 वर्षों की निष्ठा, सेवा और अनुभव को दरकिनार कर ऐसी बाध्यता थोपना शिक्षा की गरिमा और शिक्षकों के सम्मान के साथ खिलवाड़ है।”

एमएलसी ने आगे कहा कि कुछ माह पूर्व गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के प्रमोशन हेतु परीक्षा कराई गई थी, जिसमें लगभग सभी असफल हो गए। बावजूद इसके उन्हें प्रमोशन और सभी लाभ दिए गए। “यदि माननीय न्यायाधीशों के असफल रहने पर भी उन्हें लाभ मिल सकते हैं, तो दशकों तक बच्चों का भविष्य सँवारने वाले शिक्षकों को यह अपमान क्यों झेलना पड़े?”

उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर वे शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मुलाकात कर शिक्षकों की आवाज़ को सरकार तक पहुँचाएँगे तथा पुनः याचिका दाखिल कर न्याय दिलाने का हर संभव प्रयास करेंगे।

ज्ञापन सौंपने के दौरान संघ के ब्लॉक अध्यक्ष चन्द्रभान चौरसिया, एमएलसी प्रतिनिधि हरीश सिंह और आदित्यनाथ त्रिपाठी भी मौजूद रहे।

ये भी पढ़ें: अमेठी : संदिग्ध परिस्थितियों में रेलवे स्टेशन के समीप मिला शव


जनता दर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुनीं 200 लोगों की समस्याएं,अधिकारियों को समयबद्ध निस्तारण के दिए निर्देश

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें