
लखनऊ : शिक्षक दिवस के अवसर पर वन विभाग ने शिक्षकों के सम्मान में एक अनूठी पहल की। “एक पेड़ गुरु के नाम” थीम पर शुक्रवार को राजधानी लखनऊ के कुकरैल पिकनिक स्पॉट स्थित स्मृति वाटिका में वृक्षारोपण महाअभियान का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. रेणुका सिंह ने शिक्षकों का अभिनंदन करते हुए उन्हें गुलाब का फूल भेंट किया और वृक्षारोपण के महत्व पर प्रकाश डाला।

सरकार की पहल : पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा
राज्य सरकार लंबे समय से पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए “एक पेड़ मां के नाम” थीम के तहत अभियान चला रही है। इसी क्रम में अब वन विभाग ने शिक्षक दिवस को भी इस अभियान से जोड़ते हुए इसे “एक पेड़ गुरु के नाम” का स्वरूप दिया है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश में 9 जुलाई तक लगभग 37 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।
मां और गुरु का समान महत्व
डॉ. रेणुका सिंह ने अपने संबोधन में कहा
“मां जीवन की पहली गुरु होती है, जो हमें प्रारंभिक शिक्षा देती है। वही परवरिश और संस्कार की नींव रखती है। वहीं जीवन की दिशा तय करने में गुरु का भी उतना ही महत्व है। शिक्षा, अनुशासन, सेवा और सफलता सब गुरु की ही देन है। इसलिए ‘एक पेड़ मां के नाम’ और ‘एक पेड़ गुरु के नाम’ को जोड़कर अभियान चलाना न केवल एक अभिनव प्रयास है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणादायी संदेश भी है।”
शिक्षक दिवस पर मिला विशेष सम्मान
इस अवसर पर वन विभाग की ओर से उपस्थित शिक्षकों का विशेष सम्मान किया गया। वृक्षारोपण के दौरान बच्चों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और पेड़ों की देखभाल करने का संकल्प लिया।
अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में डीएफओ सितांशु पाण्डेय, क्षेत्रीय वन अधिकारी अनुज प्रताप सिंह (बक्शी का तालाब), मुबारक अली, मनोज सिंह, विनोद, हरिलाल, चंदन चौधरी सहित कई शिक्षक व स्कूली बच्चे मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी ने पौधों को संरक्षित रखने और पर्यावरण बचाने की शपथ भी ली।
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