
लखनऊ : Enforcement Directorate (ED) की स्पेशल टास्क फोर्स ने षड़यंत्रबद्ध बाइक टैक्सी सेवा Bikebot घोटाले से जुटाई गई कुल ₹394.42 करोड़ की जायदाद को अस्थायी तौर पर कुर्क कर लिया है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून (PMLA, 2002) के तहत की गई है।www.ndtv.comMoneylife
क्या हुआ Bikebot स्कैम में?
गर्भित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (GIPL) और इसके प्रमुख संजय भाटी ने Bike Taxi सेवा के नाम पर एक बहु-स्तरीय मार्केटिंग स्कीम (MLM) चलाकर निवेशकों को फंसाया।
निवेशकों को बाइक में निवेश करने पर मासिक रेंट, ईएमआई और बोनस की आकर्षक पेशकश की गई।www.ndtv.comFinancial Express
हालांकि, बाइक टैक्सी सेवा का वास्तविक संचालन नगण्य था, और अधिकांश निवेशकों को वादा पूरा नहीं किया गया।
जुटाई गई राशि को शिक्षण ट्रस्ट, संस्थाएँ और अन्य व्यक्तियों के माध्यम से शिफ्ट कर दिया गया तथा मुरैठ में संपत्तियाँ खरीदी गईं और बैंकों से गिरवी संपत्तियों को छुड़ाया गया।www.ndtv.comMoneylife

कुर्क की गई संपत्तियाँ क्या क्या शामिल है?
अचल संपत्ति (मुरैठ) और गिरवी रखी गई ज़मीन मूल्य ≈ ₹389.30 करोड़
SIPs एवं fixed deposits ₹5.12 करोड़
कुल मिलाकर ₹394.42 करोड़ से अधिक की संपत्तियां शामिल रही हैं।NewsBytesMoneylife
यह कोई पहली कार्रवाई नहीं है पूर्व में ₹220.78 करोड़ की संपत्तियाँ ED ने पहले ही कुर्क कर चुकी है।www.ndtv.comFinancial Express
आगे की कार्रवाई
27 आरोपियों के खिलाफ Special PMLA कोर्ट (गाज़ियाबाद) में अभियोजन कार्यवाही प्रारंभ हो चुकी है।
ED ने 2020 एवं 2023 में व्यापक छापेमारी भी की थी, और डिजिटल व अन्य प्रमाण बरामद किए गए थे