
जोधपुर : दुष्कर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम ने शनिवार को आखिरकार जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर कर दिया। राजस्थान हाईकोर्ट ने 27 अगस्त को आदेश दिया था कि वह 11 बजे तक जेल में सरेंडर करें और उसकी अंतरिम जमानत बढ़ाने से इंकार कर दिया।
जेल में सरेंडर का विवरण
आसाराम अपने अधिवक्ताओं और समर्थकों के साथ सीधे पाल आश्रम से जोधपुर सेंट्रल जेल पहुंचे। जेल में प्रवेश करते समय उन्होंने व्हीलचेयर का सहारा लिया, ताकि अपनी बीमारी का हवाला दे सकें। इसके बाद जेल प्रशासन ने उन्हें जेल में दाखिल कर लिया।
मेडिकल रिपोर्ट का आधार
अहमदाबाद सिविल अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने बताया कि आसाराम ने बीते 3-4 महीनों में कई अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन नियमित फॉलो-अप नहीं किया। 21 अगस्त को एम्स जोधपुर के डॉक्टरों ने स्वास्थ्य बिगड़ने की रिपोर्ट दी थी। हालांकि राजस्थान हाईकोर्ट ने इस तर्क को मानने से इंकार कर दिया।
गुजरात हाईकोर्ट से जमानत
राजस्थान हाईकोर्ट ने भले ही जमानत बढ़ाने से इंकार किया हो, लेकिन आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट से 3 सितंबर तक अंतरिम जमानत मिली हुई है। आसाराम को राजस्थान और गुजरात दोनों राज्यों में यौन उत्पीड़न के मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
मामला और पिछला इतिहास
साल 2013 में जोधपुर में एक नाबालिग ने आसाराम पर दुराचार का आरोप लगाया। इसके बाद उसे छिंदवाड़ा आश्रम से गिरफ्तार कर जोधपुर लाया गया। 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके बाद आसाराम ने कई बार सजा स्थगन और जमानत की कोशिश की, लेकिन उसे राहत नहीं मिली। हाल ही में इलाज के नाम पर मिली अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद उसे जेल में सरेंडर करना पड़ा।