
सरायख्वाजा जौनपुर।थाना क्षेत्र के लपरी बाजार में बृहस्पतिवार की दोपहर दो मोटरसाइकिलों की आमने-सामने हुई भीषण टक्कर ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। इस दर्दनाक हादसे में 24 वर्षीय युवक मोहम्मद आमिर की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरी मोटरसाइकिल पर सवार युवक की हालत नाजुक बनी हुई है। अचानक हुई इस घटना ने न केवल मृतक के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लपरी गांव का निवासी मोहम्मद आमिर, जो पेशे से ड्राइवर था, गुरुवार दोपहर करीब दो बजे अपनी मोटरसाइकिल से गुरैनी बाजार घरेलू सामान की खरीदारी करने जा रहा था। जैसे ही वह लुंबिनी–दुद्धी मार्ग पर स्थित लपरी बाजार के पास पहुँचा, तभी सामने से आ रही एक तेज रफ्तार मोटरसाइकिल से उसकी आमने-सामने भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों मोटरसाइकिलें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं और सवार सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना की आवाज सुनते ही आसपास के लोग मौके पर दौड़े। स्थानीय लोगों ने तुरंत घायलों की पहचान की, जिसमें एक युवक लपरी गांव का मोहम्मद आमिर और दूसरा कुकडीपुर गांव निवासी रामजी था। लोगों ने बिना समय गँवाए एंबुलेंस बुलवाई और दोनों को जिला अस्पताल भिजवाया।
अस्पताल में दम तोड़ गया आमिर
जिला अस्पताल पहुँचने पर चिकित्सकों ने दोनों का प्राथमिक उपचार शुरू किया। हालांकि, डॉक्टरों ने बताया कि मोहम्मद आमिर की हालत बेहद गंभीर है। इलाज के दौरान ही कुछ ही देर बाद आमिर ने दम तोड़ दिया। हादसे की सूचना मिलते ही मृतक के परिजन भी अस्पताल पहुँचे, जहां डॉक्टरों से बेटे की मौत की खबर सुनते ही परिजन दहाड़ मारकर रो पड़े। दूसरी ओर, घायल रामजी की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है और उसका इलाज जारी है।
थाना प्रभारी जयप्रकाश यादव ने बताया कि मृतक के बड़े भाई की तहरीर पर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।
मां का रो-रोकर बुरा हाल
लपरी गांव के मोहम्मद आमिर परिवार में चौथे स्थान पर था। उसके दो भाई और तीन बहनें हैं। परिवार पहले से ही मुश्किलों से जूझ रहा था। बड़े भाई को विकलांगता होने के कारण घर की सारी जिम्मेदारी आमिर के कंधों पर थी। दो साल पहले पिता की मौत हो जाने के बाद वह परिवार का सहारा बन चुका था।
मृतक की मां कनीश ने बताया कि उनके पति के निधन के बाद मोहम्मद आमिर ही पूरे घर का इकलौता चिराग था। मां की आँखों में आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। वह बार-बार यही कहती रहीं कि “आमिर ने घर से निकलते समय कहा था कि बाजार से सामान लेकर तुरंत लौट आऊँगा, लेकिन उसे क्या पता कि घर से थोड़ी ही दूरी पर मौत उसका इंतजार कर रही है।”
हादसे के बाद से मां कभी अपने भाग्य को कोस रही हैं तो कभी भगवान से सवाल कर रही हैं कि आखिर उनके घर का सहारा क्यों छीन लिया गया। गांव में हर कोई कह रहा है कि आमिर बेहद मिलनसार और मेहनती युवक था। उसकी असमय मौत से न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव को गहरा आघात पहुँचा है।
गांव में पसरा सन्नाटा
जैसे ही हादसे की खबर लपरी गांव पहुँची, पूरे इलाके में मातम पसर गया। घर-घर में बस यही चर्चा थी कि किस्मत ने एक हंसते-खेलते परिवार का चिराग बुझा दिया। मोहम्मद आमिर की मौत से उसकी मां और बहनों का बुरा हाल है। लोग ढांढस बंधाने पहुंचे, लेकिन मां की चीखें और बहनों के आंसू देखकर हर किसी की आँखें नम हो जा रही थीं।
सड़क हादसों पर सवाल
यह हादसा एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करता है कि ग्रामीण सड़कों पर तेज रफ्तार और लापरवाही कितनी घातक साबित हो सकती है। लुंबिनी-दुद्धी मार्ग पर आए दिन तेज गति से वाहन दौड़ते हैं, और सुरक्षा की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं होती। स्थानीय लोग प्रशासन से बार-बार मांग करते आए हैं कि सड़क पर स्पीड ब्रेकर और ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त की जाए, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। मोहम्मद आमिर की मौत ने उसके परिवार से एक सहारा छीन लिया है और गांव के हर व्यक्ति के दिल को झकझोर दिया है। एक साधारण खरीदारी के लिए निकला युवक हमेशा के लिए घर लौटकर नहीं आया। यह हादसा इस कड़वे सच को सामने लाता है कि सड़क पर एक पल की लापरवाही या तेज रफ्तार किसी परिवार की दुनिया उजाड़ सकती है।