शिमला : भारी बारिश से हिमाचल में तबाही, PWD को अकेले 1,444 करोड़ का नुकसान

शिमला : हिमाचल प्रदेश में हुई मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भूस्खलन और बाढ़ के कारण न सिर्फ सरकारी बल्कि निजी संपत्तियों को भी भारी क्षति पहुंची है। कई सड़कों का नामोनिशान मिट गया है और पुल बह गए हैं। सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग (PWD) को हुआ है।

तीन दिनों में ही 158 करोड़ का नुकसान

विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि 24 से 26 अगस्त के बीच हुई भारी बारिश से मात्र तीन दिनों में ही 158 करोड़ रुपए का नुकसान दर्ज किया गया।
उन्होंने कहा कि 20 जून को मानसून के आगमन से अब तक PWD को कुल 1,444 करोड़ रुपए की क्षति हो चुकी है। इस दौरान 5,667 किमी सड़कें, 34 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग और 70 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं।

1,091 सड़कें और 9 पुल क्षतिग्रस्त

मंत्री ने बताया कि 24–26 अगस्त की बारिश से 1,091 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसमें 7 पुल टूट गए जबकि 2 पुल बाढ़ में बह गए।
सड़कों की बहाली के लिए 912 मशीनें लगाई गई हैं, जिनमें 161 जेसीबी, 43 डोजर, 11 टिप्पर, 462 निजी जेसीबी और 120 निजी टिप्पर शामिल हैं।

कुल्लू और मनाली में भारी तबाही

भारी बारिश से कुल्लू जिले में 30 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पुरानी मनाली से जोड़ने वाला 27.5 मीटर लंबा मनालसु स्टील पुल क्षतिग्रस्त हो गया है।
वर्तमान में केवल रायसन पुल ही कुल्लू-मनाली संपर्क का साधन बचा है। इसके पुनर्निर्माण के लिए 15 करोड़ रुपए की जरूरत होगी।
इसके अलावा, भूतनाथ पुल के 50 मीटर लंबे संपर्क मार्ग के बह जाने से करीब 60 लाख रुपए की मरम्मत लागत आंकी गई है। लग घाटी और पहाल्लाह घाटी सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां 9 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

कांगड़ा और चंबा भी प्रभावित

तीन दिन की बारिश में कांगड़ा जिले को 30 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ।
वहीं चंबा जिले में केवल डलहौजी वृत्त में ही लगभग 25 करोड़ रुपए का नुकसान दर्ज किया गया है। चंबा में 234 सड़कें बंद हैं और भरमौर, सलूणी, तीसा, चंबा और किलाड़ मंडलों का सड़क संपर्क पूरी तरह ठप हो गया है।

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