
- पीलीभीत- बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग के हिस्से की सड़क का नहीं हो पा रहा चौड़ीकरण
- अजगैवा जंगल में वन विभाग को आवंटित हुई थी 18.84 हेक्टेयर जमीन, नहीं बनी बात
बस्ती। जिले में बस्ती से रामनगर ब्लॉक सीमा तक पीलीभीत- बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग के हिस्से की सड़क का चौड़ीकरण अधर में लटक गया है। सात मीटर से बढ़ाकर 12 मीटर चौड़ी की जाने वाली इस सड़क के दायरे में वन विभाग की 18.84 हेक्टेयर जमीन बस्ती सीमा में आ रही है। वन विभाग को जमीन के बदले जमीन चाहिए। पीडब्ल्यूडी की पहल पर पिछले दिनों जिला प्रशासन ने अजगैवा जंगल में बंजर भूमि के आंवटन पर मोहर लगाया। लेकिन, ग्रामीणों के विरोध के चलते बात नहीं बन पाई। इसी के बाद सड़क निर्माण फिर बाधित हो गया है।
बस्ती-डुमरियांगज मार्ग के चौड़ीकरण की योजना अधर में लटक गई है। सात मीटर चौड़ी पुरानी सड़क के दोनों तरफ पीडब्ल्यूडी के पास खुद की पर्याप्त जमीन नहीं है। बस्ती से रामनगर ब्लॉक सीमा तक चौड़ाई बढ़ाने के लिए वन विभाग की 18.84 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करनी पड़ रही है। शुरूआत में मनौरी से सल्टौआ के बीच सड़क के दोनों तरफ चौड़ाई बढ़ाने के लिए खोदाई भी कराई गई। इसी बीच वन विभाग ने कार्यदाई संस्था पीडब्ल्यूडी से जमीन के बदले जमीन की डिमांड की। इस आधार पर वन विभाग ने निर्माण कार्य पर आपत्ति लगा दी। पीडब्ल्यूडी ने जमीन के बदले जमीन दिए जाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेजा। लगभग तीन महीने से वन, पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग के समन्वय से सरकारी भूमि की तलाश की जा रही है। अभी हाल ही में डीएम के निर्देश भानपुर तहसील प्रशासन ने अजगैवा जंगल में स्थित बंजर भूमि को उपलब्ध कराया।
तय हुआ कि यहीं जमीन वन विभाग को दी जाएगी। पखवाड़े भर पहले वन विभाग और पीडब्ल्यूडी की टीम अजगैवा जंगल में आवंटित जमीन को कब्जे में लेने पहुंची। लेकिन, मामला उलटा हो गया। ग्रामीण आवंटित भूमि पर कब्जा करने का विरोध कर दिए। जिससे टीम को लौट आना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत में स्थित बंजर भूमि का स्वामित्व ग्राम पंचायत स्तर पर भूमि प्रबंधन समिति के अधीन होता है। बगैर इस समिति के प्रस्ताव के जमीन आवंटित नहीं की जा सकती है। इसके बाद तहसील प्रशासन को पीछे हट जाना पड़ा। वन विभाग और पीडब्ल्यूडी के बीच फंसे जमीन का प्रकरण न सुलझ पाने के कारण सड़क परियोजना का कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
काश्तकारों को भेजी गई नोटिस पर आपत्ति
दो महीने पहले सड़क निर्माण के लिए बस्ती से रामनगर तक पड़ने वाले भिटिया, असनहरा, जिनवा, देईपार, सल्टौआ, पचमोहनी, सोनहा, भानपुर आदि बाजार एवं कस्बों में सड़क के किनारे मकान- दुकान बनाकर रहने वाले कुछ काश्तकारों को सड़क के दायरे में आ रही जमीन को खाली करने के लिए नोटिस दी गई थी। पीडब्ल्यूडी का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग नियमावली के अनुसार सड़क के मध्य से दोनों तरफ 75 फीट की चौड़ाई में निर्माण नहीं किया जा सकता है। लेकिन, अधिकांश बाजार एवं कस्बों में इस दायरे में कई मकान और दुकान बने हुए हैं। यह नोटिस पाते ही तमाम काश्तकार भी विरोध में उतर आए थे। काश्तकारों का कहना है कि राजस्व अभिलेख में सड़क के लिए पीडब्ल्यूडी के पास मध्य बिंदु से दोनों तरफ 35 फीट चौड़ी जमीन है। इसके बाद काश्तकारों की भूमि है। इस मानक का पालन करते हुए लोग लंबे समय घर- मकान बनाकर रह रहे हैं। तमाम काश्तकारों ने जमीन अधिग्रहित करने पर मुआवजे की मांग की है।
यह है योजना
डेढ़ सौ करोड़ से बननी है 34 किमी लंबी सड़क
पीलीभीत- बहराइच मार्ग के हिस्से की सड़क बस्ती में 34 किमी लंबाई में बननी है। इसके लिए डेढ़ करोड़ रुपये बजट स्वीकृति किया गया है। यह सड़क एनएच- 28 मनौरी से दुबौली तक बनाई जानी है। इसके आगे उतरौला सीमा तक 15 किमी लंबी सड़क बननी है। यह सिद्धार्थनगर जिले के सीमा है। वन विभाग के कर्मचारियों के मुताबिक रामनगर रेंज में किलोमीटर 391 से किलोमीटर 417 तक सड़क की दोनों पटरियों पर निर्माण कार्य रोका गया है। इस वजह से इस सड़क परियोजना का कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड- एक के अधिशासी अभियंता इं. अवधेश प्रसाद ने कहा कि
जनपद सीमा में पीलीभीत- बहराइच मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य अभी बाधित है। वन विभाग को जमीन के बदले जमीन दिया जाना है। इसके लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजकर मदद मांगी गई है। मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है। जल्द ही निराकरण निकलेगा।