महराजगंज : अधिवक्ता ने प्रतिबंधित चाकुओं की बिक्री रोकने की मांग उठाई

महराजगंज। जिले के समाजसेवी और वरिष्ठ अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और संबंधित को ईमेल भेज कर मांग किया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों पर प्रतिबंधित चाकू की बिक्री लगातार हो रही है। अगर कोई घटना घटित होती है तो ई कॉमर्स कंपनियों तथा प्लेटफार्म को घटना में सह अभियुक्त बनाया जाए।

वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपने पत्र में कहा कि कुछ ई-कामर्स कंपनियाँ प्रतिबंधित श्रेणी में आने वाले चाकुओं को ऑनलाइन बेच रही हैं। यह चाकू सुरक्षा और कानून व्यवस्था के दृष्टिकोण से चिंताजनक है।इन चाकुओं की बिक्री से सार्वजनिक सुरक्षा पर संभावित खतरा हो सकता है।यह बिक्री स्थानीय कानूनों और नियमों का उल्लंघन कर सकती है। शस्त्र अधिनियम 1959 में दिए गए प्रावधानों का अधिनियम की धारा 2 में शस्त्र को परिभाषित किया गया है।

इसके मुताबिक कोई भी चाकू जिसकी धार 9 इंच से अधिक लंबी हो या जिसकी चौड़ाई 2 इंच से अधिक हो, वह निषिद्ध शस्त्र की श्रेणी में आता है। केवल घरेलू, कृषि, वैज्ञानिक या औद्योगिक उपयोग हेतु न हो,श। जबकि आरोपी से जब्त किया गया चाकू इस निषेध की परिधि में आता है। शस्त्र अधिनियम की धारा 20 में स्पष्ट प्रावधान है कि ”यदि कोई व्यक्ति शस्त्र इस प्रकार ले जाते हुए पाया जाता है, जिससे उसके अवैध उपयोग की आशंका हो, तो मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी या अन्य सार्वजनिक सेवक उसे बिना वारंट गिरफ्तार कर सकते हैं।

अमेज़न इंडिया को इस तथ्य से भली भांति परिचित होना चाहिए कि ऐसे प्रतिबंधित चाकू पवितरित किए जा रहे हैं। ऐसे हथियारों का उपयोग कर न केवल हत्या के मामले सामने आए हैं, बल्कि कई निर्दोष लोगों पर हमला किया गया है। इसके बावजूद अमेजन इंडिया प्रतिबंधित चाकू की सप्लाई और डिलीवरी कर रही है। उन्होंने अनुरोध किया है कि इस मामले की जांच की जाए और आवश्यक कार्रवाई की जाए ताकि ऐसे प्रतिबंधित चाकुओं की बिक्री को रोका जा सके।

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