
चंडीगढ़ : पंजाब के आठ जिले पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर और फाजिल्का भीषण बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। रावी, ब्यास और सतलुज नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने से 200 से अधिक गांव डूब चुके हैं।
माधोपुर हेडवर्क्स के गेट टूटे, कर्मचारी फंसे
बुधवार को पठानकोट स्थित माधोपुर हेडवर्क्स के चार गेट टूट गए। इस दौरान वहां मौजूद 50 कर्मचारी फंस गए, जिन्हें हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित निकाला गया। हालांकि, सिंचाई विभाग का एक कर्मचारी पानी के तेज बहाव में बह गया जिसकी तलाश जारी है।
गुरदासपुर और पठानकोट में बचाव अभियान
गुरदासपुर जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय दबुड़ी में फंसे 381 विद्यार्थियों और 70 शिक्षकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। वहीं, पठानकोट के सुजानपुर क्षेत्र में बाढ़ ने घरों और नेशनल हाईवे को अपनी चपेट में ले लिया। रणजीत सागर बांध से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से हालात और बिगड़ गए।
अमृतसर और फिरोजपुर में गंभीर स्थिति
लगातार बारिश से अमृतसर के 40 से अधिक गांवों में पानी भर गया है। सेना और प्रशासन की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में जुटी हैं। फिरोजपुर में सरहिंद नहर पर बना पुल टूट जाने से कई गांवों का संपर्क कट गया। हुसैनीवाला बॉर्डर से सटे 11 पंचायतों के गांव पूरी तरह पानी में डूब चुके हैं। ग्रामीणों ने पशुओं के लिए चारे और राहत सामग्री की कमी पर नाराजगी जताई है।
पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में पानी घुसा
रावी नदी में बाढ़ का असर पाकिस्तान तक पहुंच गया है। श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा और करतारपुर कॉरिडोर में कई फीट पानी भर गया है। श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने इसकी पुष्टि की है।
सेना और सुरक्षा बलों का राहत अभियान
राज्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ की 13 टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं। सेना ने रुद्र और चिनूक हेलीकॉप्टर भी तैनात किए हैं। अब तक 720 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत कार्यों का जायजा लिया।