भाजपा के सहयोगी दलों में नहीं है कोई मनमुटाव, सुभासपा रालोद खड़े हैं साथ

  • निषाद पार्टी के आरोपों को सहयोगी दलों ने नकारा

लखनऊ। भाजपा के सहयोगी दल भाजपा के साथ मजबूती से खड़े हैं। राष्ट्रीय लोकदल और सुभासपा को गठबन्धन से कही कोई परेशानी नहीं है। निषाद पार्टी अपने समाज का कोई भी नेता पनपने नहीं देना चाहती है। जय प्रकाश निषाद को लेकर निषाद पार्टी असहज है और अर्नगल आरोप लगा रही है। भाजपा के सहयोगी दलों ने निषाद पार्टी द्वारा लगाये जा रहे आरोपों पर यह खुलासा किया।

राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय महासचिव अनिल दुबे ने भाजपा के साथ गठबंधन में असंतोष को सिरे से नकारते हुए कहा कि निषाद पार्टी की अपनी समस्या है और भाजपा के साथ मिलकर उन्हें दूर करनी चाहिए। भाजपा बड़ा दल है जिसे बड़ा भाई भी कहा जा सकता है उनके साथ मिलकर बैठने से समस्या का निराकरण किया जा सकता है।

अभी हाल ही में भाजपा के नेता चौधरी लक्ष्मीनारायण सिंह के बयान से राष्ट्रीय लोकदल असहज हो गयी और हमने अपनी आपत्ति दर्ज करायी। भाजपा ने हमारी आपत्तियों को गंभीरता से लिया जिससे चौधरी लक्ष्मीनारायण को मांगी मांगनी पड़ी और हमारी गलतफहमियां दूर हो गयीं,हम फिर से एक साथ मजबूती से खड़े हो गये।

सुभासपा के प्रवक्ता अरूण राजभर ने भाजपा और सहयोगी दलों के साथ असंतोष को नकारते हुए कहा कि निषाद पार्टी को यह समझना चाहिए कि कोई भी दल और पार्टी या गठबंधन एक दूसरे के विश्वास पर खड़ा होता है। गलतबयानबाजी से विपक्षी पार्टियों को मौका मिलेगा और गठबंधन में विश्वसनीयता भंग होगी। हर समाज अपने लोगों को मजबूत करता है तभी पार्टी मजबूत होती है और वोट मिलते है। वोटों की संख्या और कार्यकर्ताओं के मनोबल से ही पार्टी मजबूत स्थिति में दिखती है।

जय प्रकाश निषाद को लेकर निषाद पार्टी परेशान है उन्हें भाजपा से मिलकर अपनी बात रखनी चाहिए। पार्टी कार्यकर्ताओं और वोट बैंक की मजबूती से ही सुभासपा पूरे प्रदेश में खड़ी है और भाजपा को भी यह एहसास है कि सुभासपा पूरे प्रदेश में राजभरों के साथ अन्य पिछड़े वर्ग के वोटों को दिलवा सकती है। आज अधिकांश पिछड़ा वर्ग मजबूती से सुभासपा के साथ खड़ा है। निषाद पार्टी को निषाद समाज के लोगों को आगे आने देना चाहिए और समाज की एकजुटता पर ध्यान देना चाहिए।

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