वाराणसी में गंगा ने एक माह में दूसरी बार चेतावनी बिंदु काे किया पार, तटवर्ती इलाकों में पलायन शुरू

वाराणसी। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में गंगा नदी एक बार फिर रौद्र रूप धारण कर चुकी है। बीते एक माह में दूसरी बार गंगा ने चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर को पार कर गई। बुधवार सुबह 10 बजे जलस्तर 70.42 मीटर तक पहुंच गया।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा का जलस्तर लगभग तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की गति से लगातार बढ़ रहा है। सुबह आठ बजे जलस्तर 70.36 मीटर दर्ज किया गया था। गंगा के बढ़ते जलस्तर से सभी प्रमुख घाटों के संपर्क मार्ग और तटवर्ती मंदिर जलमग्न हो चुके हैं। मोक्षतीर्थ मणिकर्णिका घाट की गलियों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। वहीं हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह अब गलियों में ही किया जा रहा है। दशाश्वमेध घाट पर स्थित जल पुलिस चौकी पूरी तरह डूब चुकी है और शीतला मंदिर का गर्भगृह एक बार फिर जलमग्न हो गया है।

गंगा में बढ़ते जलस्तर का असर सहायक नदी वरुणा पर भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है। वरुणा नदी भी उफान पर है, जिससे सलारपुर, सरैया, ढेलवरिया, नक्खीघाट और हुकुलगंज जैसे तटवर्ती क्षेत्रों का बड़ा हिस्सा बाढ़ के पानी से घिर गया है।

सूत्रों के अनुसार, सोमवार को कानपुर स्थित गंगा बैराज से 3.77 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसका प्रभाव अब वाराणसी में दिखने लगा है। आने वाले दिनों में और अधिक क्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें मोटरबोट के साथ लगातार गश्त कर रही हैं। नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है और तटवर्ती क्षेत्रों में रह रहे लोगों को अलर्ट करते हुए सुरक्षित स्थानों की ओर भेजा जा रहा है। कई परिवार पहले ही सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं।

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