
धर्मशाला : पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में इस बार बरसात में मेघ जमकर बरस रहे हैं। पिछले दो माह से अधिक समय से हो रही बारिश के चलते हालात बदतर बने हुए हैं। बादल फटने सहित भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति से जान माल का भारी नुकसान हुआ है। वहीं अगर प्रदेश में बारिश की बात करें तो अगस्त महीने में सामान्य से 44 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिससे भूस्खलन, अचानक बाढ़ सहित सड़कों, घरों और फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार राज्य में अगस्त माह में अभी तक 317.6 मिमी वर्षा हुई, जबकि सामान्य वर्षा 220.9 मिमी होती है। सबसे अधिक बारिश ऊना ज़िले में 693 मिमी हुई, जो सामान्य वर्षा 319 मिमी से 117 प्रतिशत अधिक है। इसके बाद कांगड़ा में 629.8 मिमी (सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक) और सोलन में 525.7 मिमी वर्षा हुई, जो औसत वर्षा 245.4 मिमी से 100 प्रतिशत अधिक है।
इसी तरह मंडी ज़िले में 555.5 मिमी (61 प्रतिशत अधिक), हमीरपुर में 525.7 मिमी (52 प्रतिशत अधिक), बिलासपुर में 485.1 मिमी (84 प्रतिशत अधिक), चंबा में 362.6 मिमी (42 प्रतिशत अधिक) और शिमला में 333.1 मिमी (औसत से 97 प्रतिशत अधिक) वर्षा हुई। शुष्क मौसम के लिए प्रसिद्ध किन्नौर जिले में 104 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 59 प्रतिशत अधिक है। केवल लाहौल-स्पीति जिले में 64.7 मिमी बारिश की कमी दर्ज की गई, जो सामान्य से 33 प्रतिशत कम है।
वहीं पिछले 6-7 हफ़्तों से हो रही भारी बारिश ने राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कई प्रमुख सड़कों को क्षतिग्रस्त कर दिया है जिससे यातायात बाधित हुआ है और पर्यटन एवं स्थानीय व्यवसाय पर खासा असर पड़ा है। सेब सीजन के चरम पर हिने से उत्पादक क्षेत्रों में भी परिवहन बाधित होने से भारी नुकसान हुआ है।
भूवैज्ञानिक और मौसम विशेषज्ञों ने तेज वर्षा और बार-बार बादल फटने को जलवायु परिवर्तन का परिणाम बताया है और इस क्षेत्र में मौसम के चरम पर पंहुचने की चेतावनी दी है। जून और जुलाई के मानसून में बुनियादी ढांचा कमज़ोर होने के कारण अगस्त की भारी बारिश ने संकट को और बढ़ा दिया है।
कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि ज़िले को अब तक बरसात में लगभग 400 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस दौरान 48 लोगों की जान भी चली गई और 2 लोग अभी भी लापता हैं। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन दल और प्रशासन के नागरिक अधिकारी पिछले कुछ महीनों से सड़कों की सफाई और आवश्यक सेवाओं की बहाली में लगे हुए हैं। उन्होंने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को सतर्क रहने की सलाह जारी की है क्योंकि आने वाले दिनों में भूस्खलन और बारिश होने का अनुमान है।