CBSE Workshops: सीबीएसई चार से 18 सितंबर तक पांच शहरों में करेगा ऑफलाइन सेशन, स्कूल और परिवारों के लिए खास

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) छात्रों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए सितंबर 2025 में देश के पांच प्रमुख शहरों में ऑफलाइन पेरेंटिंग वर्कशॉप्स का आयोजन करने जा रहा है। इन वर्कशॉप्स का उद्देश्य स्कूल और परिवारों के बीच सहयोग को सशक्त बनाना, बच्चों की डिजिटल भलाई (Digital Well-being) और मानसिक लचीलापन (Resilience) को बढ़ावा देना है।

यह पहल CBSE के पेरेंटिंग कैलेंडर 2025–26 के हिस्से के रूप में की जा रही है और इसमें प्रिंसिपल्स, काउंसलर्स और वेलनेस टीचर्स की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।

वर्कशॉप्स का मुख्य फोकस

CBSE की इन पेरेंटिंग वर्कशॉप्स में चार प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा:

  1. सकारात्मक पेरेंटिंग प्रैक्टिसेस (Positive Parenting) – बच्चों के मानसिक विकास और संतुलन में अभिभावकों की भूमिका को समझाना।
  2. डिजिटल वेल-बीइंग (Digital Well-being) – छात्रों को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के सुरक्षित और संतुलित उपयोग के लिए मार्गदर्शन।
  3. रेजिलिएंस बिल्डिंग (Resilience Building) – बच्चों में चुनौतियों का सामना करने की क्षमता और मानसिक मजबूती का विकास।
  4. स्कूल और परिवारों के बीच सहयोग – बच्चों की अकादमिक, सामाजिक और भावनात्मक ज़रूरतों को समझने और पूरा करने में सामूहिक प्रयास।

वर्कशॉप्स का कार्यक्रम और स्थान

दिनांकस्थान / विद्यालय का नाम
4 सितंबर 2025दिल्ली पब्लिक स्कूल, नादेरगुल, हैदराबाद – 501510
9 सितंबर 2025दिल्ली पब्लिक स्कूल, बोपल, अहमदाबाद – 380058
9 सितंबर 2025बिरला दिव्य ज्योति स्कूल, सिलीगुड़ी – 734010
15 सितंबर 2025बीसीएम स्कूल, लुधियाना, पंजाब – 141013
18 सितंबर 2025डेली कॉलेज, इंदौर, मध्य प्रदेश – 452001

समय और पंजीकरण की प्रक्रिया

  • समय: सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक
  • रिपोर्टिंग टाइम: सुबह 9:30 बजे
  • पंजीकरण: CBSE की आधिकारिक सर्कुलर में दिए गए लिंक से अनिवार्य रूप से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करें।
  • चयन प्रक्रिया: First-Come, First-Served आधार पर।
  • पुष्टि: चयनित प्रतिभागियों को ईमेल के माध्यम से सूचना दी जाएगी।

CBSE की यह पहल न केवल अभिभावकों को बेहतर पेरेंटिंग रणनीतियों से लैस करेगी, बल्कि शिक्षकों और स्कूलों को भी छात्रों की मानसिक और सामाजिक ज़रूरतों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगी।

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