महबूबा मुफ्ती ने राजनीतिक कैदियों की रिहाई के लिए किया विरोध प्रदर्शन

श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को श्रीनगर में राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उन राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की जो अभी भी भारत भर की विभिन्न जेलों में बंद हैं।

पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ महबूबा मुफ्ती ने एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन का नेतृत्व किया जिसे पुलिस ने रोक लिया। बाद में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने अधिकारियों पर विरोध करने के उनके लोकतांत्रिक अधिकार को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमने राजनीतिक बंदियों की रिहाई की मांग को लेकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया था और आप सभी ने देखा कि हमें कैसे रोका गया और हमारे साथ क्या हुआ। उन्होंने हमारे साथ दुश्मन जैसा व्यवहार किया।

महबूबा ने शब्बीर शाह और अमीर जमात सहित कई वरिष्ठ नेताओं की दुर्दशा पर प्रकाश डाला जो अभी भी जेल में हैं। उन्होंने कहा कि कई अन्य बंदी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं जबकि उनके परिवार गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

पीडीपी प्रमुख ने याद दिलाया कि उनकी पार्टी ने पहले विधानसभा में कश्मीरी कैदियों को स्थानीय जेलों में वापस भेजने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया था लेकिन उस प्रस्ताव पर विचार नहीं किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से उनकी वापसी के लिए आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मैंने उमर अब्दुल्ला से इन जेलों का दौरा करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गठित करने या यदि यह संभव न हो तो कम से कम दो या तीन मंत्रियों को स्थिति का आकलन करने के लिए भेजने का अनुरोध किया है। कम से कम उन्हें गृह मंत्री से मिलना चाहिए और अनुरोध करना चाहिए कि कश्मीरी कैदियों को वापस जम्मू-कश्मीर की जेलों में स्थानांतरित किया जाए।

लंबी हिरासत पर सवाल उठाते हुए महबूबा ने कहा कि कश्मीर के विचाराधीन कैदी अदालती कार्यवाही के कारण वर्षों जेल में बिता चुके हैं जबकि अन्य मामलों में दोषियों को भी पैरोल पर रिहा कर दिया जाता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ज़रा सोचिए वरिष्ठ नेता कष्ट झेल रहे हैं लेकिन उन गरीब कैदियों का क्या जिनके परिवारों के पास उनकी रिहाई के लिए कोई साधन नहीं है बलात्कारियों को भी पैरोल पर रिहा कर दिया जाता है लेकिन कश्मीरी कैदी सड़ते रहते हैं। मैं राजनीति नहीं कर रही बल्कि मानवीय आधार पर यह मुद्दा उठा रही हूँ।

पीडीपी अध्यक्ष ने सरकार से कम से कम उन बंदियों को रिहा करने का आग्रह किया जिन पर कोई गंभीर आरोप नहीं हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि इस मुद्दे के मानवीय पहलू की अनदेखी करने से लोगों में अलगाव बढ़ेगा।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें