
देहरादून : उत्तराखंड के पहाड़ाें पर प्रकृति का प्रकाेप कम नही हाे रहा है। उत्तरकाशी जिले के हर्षिल तेलगाड़ इलाके में रात को अत्यधिक बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति फिर बन गई। इसे लेकर अलर्ट जारी हाेने के बाद प्रशासन ने एहतियातन हर्षिल के आर्मी कैंप को खाली करवाकर जवानों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। चमोली जिले के थराली में भी राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं।
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि तेलगाड़ में आई बाढ़ से कोई नुक़सान नहीं हुआ है। सुरक्षा के सभी जरूरी उपाय कर दिए गये हैं। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों के पुनर्वास, उनकी आजीविका को सुदृढ़ बनाये जाने के लिए शासन व प्रशासन स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। प्रभावितों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन से विचार-विमर्श कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है और राजस्व विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति धराली पहुंच कर त्वरित गति से इस पर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि हर्षिल में माइक्रो हाइड्रो इलैक्ट्रिक परियोजना में विद्युत उत्पादन बहाल कर दिया गया है तथा हर्षिल व धराली में विद्युत आपूर्ति बहाल है। जिलाधिकारी ने बताया कि बीआरओ और लोनिवि हर्षिल व धराली के बीच में बाधित मार्ग को सुचारू करने के लिए लगातार कार्य कर रहा है, साथ ही आर्मी की इंजटीनियरिंग टीम भी कार्य कर रही है। उत्तरकाशी भटवाड़ी-गंगोत्री मार्ग पर डबरानी से आगे बालकेदार मन्दिर के समीप छोटे वाहनों के लिए मार्ग सुचारू किया गया था, जिसका चौड़ीकरण व मजबूती के लिए लेवलिंग का कार्य लगातार चल रहा है ताकि मार्ग को बड़े वाहनों के लिए भी सुचारू किया जा सके। जिलाधिकारी आर्य ने बताया कि यूएसएसी, आईआईआरएस व वाडिया को ककोड़ागाड के उदगम ग्लेशियर एवं उससे सम्बन्धित इलाकों का तुरन्त अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आग्रह किया गया है। चमोली जिले के थराली में भी प्रशासन का राहत और बचाव तेजी से चल रहा है।