आगरा में IT की सर्च में बड़ा खुलासा : 170 शेल कंपनियों से 20 हजार करोड़ की मनी लांड्रिंग, CSR फंड का गलत इस्तेमाल

Agra : आगरा में आयकर विभाग ने 170 शेल कंपनियों के माध्यम से 20 हजार करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग का पर्दाफाश किया है। CSR फंड का दुरुपयोग कर हीरे की तस्करी के लिए पैसा विदेश भेजा गया। विभाग अब CSR के अलावा अन्य स्रोतों से धन के आवागमन की जांच करेगा। गरीबों के नाम पर शेल कंपनियां खोलकर हवाला के जरिए पैसे का वितरण किया गया।

कॉरपोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी (सीएसआर) फंड का उपयोग समाज सेवा के कार्यों में करने के बजाय शेल कंपनियों के माध्यम से विदेश भेजकर हीरों की तस्करी कराई गई। इन हीरों की बिक्री कर हवाला कारोबार के माध्यम से पैसा वापस कंपनियों को भेजा गया। आयकर विभाग की सर्च में इस खेल में शामिल 170 शेल कंपनियां पकड़ी गई हैं।

विभागीय अधिकारी 20 हजार करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग पकड़ने का दावा कर रहे हैं। यह रकम सीएसआर के साथ ही व्यापार की भी मानी जा रही है। विभाग, अब इसके स्रोतों की विस्तृत जांच करेगा।

170 शेल कंपनियों से 20 हजार करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग

विभाग को देश की बड़ी कंपनियों के सीएसआर फंड के करोड़ों रुपये मथुरा के जनजागृति सेवा संस्थान, अहमदाबाद के रागिनी बेन विधिक चंद्र सेवा कार्य और भीलवाड़ा के डॉ. ब्रजमोहन सपूत कला संस्कृति सेवा संस्थान ट्रस्ट के खातों में जमा होने की जानकारी मिली थी।

विभाग ने जनजागृति सेवा संस्थान का आडिट करने वाले मथुरा के सीए आशुतोष अग्रवाल के यहां कार्रवाई की। यह ट्रस्ट भीलवाड़ा के महेश त्रिवेदी व योगेश कुमार शर्मा का है। यहां से साक्ष्य मिलना शुरू हुए तो सर्च का दायरा मुंबई, कोलकाता, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, भीलवाड़ा, मथुरा, इंदौर तक बढ़ता चला गया।

सर्च में पता चला कि शेल कंपनियों के बैंक खातों में पैसा चीन, हांगकांग, सिंगापुर, मलेशिया व दुबई भेजा गया। आभूषण कारोबारियों को पैसा ट्रांसफर कर हीरों की खरीद की गई। तस्करी कर हीरों को भारत लाने के पांच मामलों की जानकारी विभाग को मिली। गुजरात व महाराष्ट्र में हीरों की बिक्री कर नकद धनराशि जुटाई गई। इसे हवाला कारोबार के माध्यम से देश के कोने-कोने में भेजा गया।

सीएसआर फंड का पैसा विदेश भेजा

विभागीय अधिकारी मनी लांड्रिंग का आंकड़ा बढ़ने पर अब यह जांच करेंगे कि सीएसआर फंड के अलावा व्यापार की धनराशि तो चोरी-छिपे विदेश नहीं भेजी गई। इसके अन्य स्रोत क्या थे। गरीबों व मजदूरों के पते पर खोलीं शैल कंपनियां : शेल कंपनियों की जांच में यह सामने आया कि गरीबों व मजदूरों के आधार कार्ड लेने के बाद बैंक खाते खुलवाए गए। शेल कंपनियों का संचालन इन्हीं बैंक खातों से किया गया।

विभागीय जांच में वित्तीय वर्ष 2021-22 से सीएसआर फंड के गोलमाल का सच सामने आया है। इनकी माड्स आपरेंडी, शेल कंपनियों के विदेश में स्थित बैंक खातों में धनराशि का ट्रांसफर कर हीरों की तस्करी कराना रहा। हीरे मंगाकर उनकी बिक्री कर धनराशि जुटाकर हवाला के माध्यम से उसका वितरण किया गया।

110 घंटे से अधिक समय तक चली सर्च

आयकर विभाग द्वारा ट्रस्टों पर कार्रवाई चार माह तक रेकी करने के बाद की। उपलब्ध डाटा की जांच, फील्ड इन्वेस्टिगेटशन व अपने नेटवर्क से जानकारी जुटाने के बाद मंगलवार सुबह 6.30 बजे सर्च शुरू की थी। मथुरा के जनजागृति सेवा संस्थान पर सर्च शुक्रवार शाम को पूरी हो गई थी। जांच की जद में आए अन्य ट्रस्टों से जुड़े लोगों के 50 से अधिक ठिकानों पर शनिवार रात नौ बजे तक सर्च चली। सर्च में आयकर विभाग के 200 से अधिकारी शामिल रहे।

प्रधान आयकर निदेशक अन्वेषण कानपुर अजय कुमार शर्मा के निर्देशन व अपर आयकर निदेशक अन्वेषण पीयूष कोठारी के नेतृत्व में उप आयकर निदेशक अन्वेषण हार्दिक अग्रवाल और उनकी टीम ने जांच की।

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