फतेहपुर: वित्तीय अनियमितता के मामले में मलवा बीडीओ पर लटकी कार्रवाई की तलवार

फतेहपुर: मनरेगा योजना में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर संयुक्त आयुक्त मनरेगा, ग्राम्य विकास उत्तर प्रदेश ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मलवा ब्लॉक को कठघरे में खड़ा कर दिया है। मामले की प्रतिलिपि जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और उपायुक्त श्रम एवं रोजगार को भी भेजी गई है।

बता दें कि संयुक्त आयुक्त मनरेगा, उत्तर प्रदेश ने 8 अगस्त को मलवा बीडीओ को एक नोटिस जारी किया है। नोटिस में वित्तीय वर्ष 2024-25 के MIS आंकड़ों के अवलोकन पर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशासनिक मद में अनुमन्य सीमा से ₹36.53 लाख अधिक खर्च किए गए।

मामले को लेकर आयुक्त की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि यह राशि अनुमन्य 4.5% सीमा से अधिक आहरित की गई, जो सीधे-सीधे वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। इस पर सख्त लहजे में खंड विकास अधिकारी मलवा को चेतावनी दी गई है कि सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण न मिलने पर वसूली की जाएगी और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई भी तय है।

संयुक्त आयुक्त मनरेगा संजय कुमार पांडेय ने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि “प्रशासनिक मद से अधिक खर्च किए जाने पर संबंधित अधिकारी स्वयं जिम्मेदार होंगे।” इस नोटिस से विभाग में हड़कंप मच गया है।

विभाग में चर्चा है कि तीन दिन पहले ही नोटिस का जवाब उच्चाधिकारियों के माध्यम से भेजा जा चुका है, ताकि कार्रवाई से बचा जा सके। हालांकि ग्राम पंचायत स्तर तक इस मामले को लेकर हलचल है और अब सबकी निगाहें आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं ।

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