
बस्ती: शहर के मालवीय रोड पर स्थित एक पीएमसी अस्पताल के परिसर में स्थापित मेडिकल स्टोर से रोगी को एक्सपायरी दवा देने को लेकर गुरुवार की शाम को हंगामा हुआ। मेडिकल स्टोर संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाया गया। कहा गया कि एक्सपायरी दवा पर संचालक कोई जवाब नहीं दे सके। चिकित्सक ने भी अपना पल्ला झाड़ लिया। पीड़ित ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की। उनके पास दवा की रिसीविंग और चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवा की पर्ची भी है।
कलवारी थानाक्षेत्र के ताहिरपुर निवासी शिव प्रकाश यादव ने कोतवाली पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि वह अपनी पत्नी का चेकअप कराने के लिए सात अगस्त को मालवीय रोड स्थित निजी अस्पताल गए। चिकित्सक ने जांच लिखी। 10 अगस्त को जांच रिपोर्ट आने के बाद चिकित्सक ने दवा लिखी। वह अस्पताल परिसर में स्थित मेडिकल स्टोर से दवा लेकर घर चले गए।
18 अगस्त से पत्नी को दिक्कत होने लगी। जब उन्होंने दवा की वैधता चेक की, तो पता चला कि वह मार्च 2025 में ही एक्सपायर हो गई थी। आरोप लगाया कि जब वह चिकित्सक के पास गए और एक्सपायरी दवा के बारे में बताया, तो चिकित्सक ने कहा कि मेडिकल स्टोर उनका नहीं है और उन्हें केबिन से बाहर निकाल दिया।
कोतवाल दिनेश चंद चौधरी ने बताया कि तहरीर मिली है और जांच-पड़ताल की जा रही है।
सीएमओ डॉ. राजीव निगम ने कहा कि मामला संज्ञान में है। अगर एक्सपायरी दवा मेडिकल स्टोर द्वारा दी गई है, तो इसकी जांच ड्रग इंस्पेक्टर करेंगे। वहीं, चिकित्सक द्वारा तीमारदार के साथ दुर्व्यवहार की भी जांच कराई जाएगी।
ड्रग इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि मेडिकल स्टोर से दवा अगर एक्सपायरी दी गई है, तो इसकी जांच कराई जाएगी और संचालक से स्पष्टीकरण भी तलब किया जाएगा।
इस अस्पताल पर पहले भी लापरवाही का आरोप
बस्ती: शहर के मालवीय रोड स्थित निजी अस्पताल की महिला चिकित्सक पर लापरवाही के चलते नवजात की मृत्यु का आरोप पहले भी लग चुका है। प्रकरण की जांच तीन सदस्यीय टीम कर रही है।
सीएचसी अधीक्षक कप्तानगंज डॉ. अनूप कुमार ने सीएमओ को शिकायती पत्र देकर बताया था कि उनकी पत्नी प्रिया को पांच मई को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। वह निजी अस्पताल में पत्नी को दिखाने गए। सुबह दस बजे फीस जमा की और दोपहर दो बजे देखने का समय मिला। लेकिन चिकित्सक नहीं आई।
विलंब होने पर उन्होंने अपनी फीस वापस मांगी। स्टाफ ने कहा कि चिकित्सक आ रही हैं। उनकी पत्नी को भर्ती कर लिया गया। चार घंटे बाद एक जूनियर चिकित्सक आई और कहा कि सब कुछ ठीक है। इसके बाद चिकित्सक ओपीडी में व्यस्त रही और स्वयं डिलीवरी नहीं कराई। दाइयों से डिलीवरी कराई।
नवजात रोया नहीं। सांस धीमी होने लगी, तो उसे दूसरे निजी अस्पताल ले गए। कुछ देर बाद नवजात की मृत्यु हो गई। आरोप लगाया कि चिकित्सक द्वारा लापरवाही बरती गई, प्रसूता को समय पर नहीं देखा गया और डिलीवरी नहीं कराई।
जांच अधिकारी डिप्टी सीएमओ डॉ. ए.के. चौधरी ने बताया कि जांच पूरी हो गई है और रिपोर्ट जल्द ही सीएमओ को सौंप दी जाएगी।
मेडिकल स्टोर संचालक का बयान
मेडिकल स्टोर संचालक विक्रम चौधरी ने कहा कि कुछ लोग उनकी दुकान को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। मेडिकल स्टोर से जो दवा दी गई, उसकी पर्ची भी मरीज को दी गई थी। जिस दवा को एक्सपायरी बता कर खरीदी का आरोप लगाया जा रहा है, उसका बैच नंबर अलग है, जिससे स्पष्ट होता है कि यह दवा उनकी दुकान की नहीं है।
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