
उत्तराखंड : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के स्यानाचट्टी में गुरुवार को कुपडागाड़ से बरसाती मलबा यमुना नदी के मार्ग में आ गया, जिससे नदी का प्रवाह रुक गया और वहां झील बन गई। सुरक्षा को देखते हुए आसपास के मकान और होटल खाली कराए गए और करीब 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। पूरा गांव खाली कर दिया गया है, लेकिन धराली जैसी स्थिति का खतरा अभी भी बना हुआ है। यदि यह झील टूटती है तो पूरा गांव बह सकता है।
बड़कोट के उपजिलाधिकारी, SDRF, NDRF, पुलिस, अग्निशमन सेवा, सिंचाई और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर मौजूद हैं।
होटल और मकान खाली कराए गए
गुरुवार शाम कुपडागाड़ से आए मलबे के कारण यमुना में झील बन गई, जिससे सड़क से नीचे के सभी मकानों और होटलों में पानी भर गया। पुल के ऊपर तक पानी पहुंच गया। पुलिस ने आसपास के होटलों और मकानों को खाली करवा कर 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा। इसके अलावा, ओजरी, पूजारगांव, पाली, खरादी और कुथनोर को भी सतर्क कर दिया गया।
निचले इलाकों के लोग रहें सतर्क
पुलिस ने निचले इलाकों के सभी लोगों से सतर्क रहने और यमुना नदी के पास न जाने की अपील की। सभी स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
28 जून को भी आई थी भारी झील
पहले 28 जून की रात को भी बादल फटने से कुपडागाड़ से मलबा आया था और यमुना में झील बन गई थी। उस समय भी निचले इलाकों में दहशत फैली थी, क्योंकि पानी होटलों की निचली मंजिल तक पहुंच गया था। कुछ दिनों बाद मशीनरी से मलबा हटाने पर पानी धीरे-धीरे कम हुआ। प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने बताया कि सरकार संकट की इस घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ पूरी तरह खड़ी है।