
Kashi Vishvanath Temple : हिंदू धर्म के चार धामों से भविष्य की शुभ और अशुभ घटनाओं के संकेत मिलते हैं। हाल ही में काशी विश्वनाथ मंदिर के शिखर पर माता लक्ष्मी के वाहन सफेद उल्लू को देखा गया, जो बहुत ही शुभ संकेत माना जा रहा है।
मोक्षदायिनी काशी में माता लक्ष्मी का सफेद वाहन दिखा
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित प्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ धाम में बीते दिन एक असाधारण घटना हुई। मंदिर के गर्भगृह के स्वर्ण शिखर पर एक सफेद उल्लू देखा गया, जिसे देखकर सभी भक्त चमत्कार समझ रहे हैं। इस घटना को शुभ संकेत माना जा रहा है, और भक्तों का मानना है कि माता लक्ष्मी का यह वाहन उनके आशीर्वाद का प्रतीक है। खासतौर पर शयन आरती के समय, जब बाबा विश्वनाथ के विश्राम से पहले पूजा की जाती है, उस वक्त मंदिर के कैमरे में सफेद उल्लू का आवागमन देखा गया।
बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने आता है उल्लू
श्रद्धालु अधिवक्ता रविंद्र तिवारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से काशी विश्वनाथ धाम के शिखर पर सफेद उल्लू की उपस्थिति नियमित रूप से देखी जा रही है। वह उल्लू, बाबा की सप्तऋषि आरती के दौरान स्वर्ण शिखर पर बैठकर पूजा में भाग लेता है और आरती समाप्त होने के बाद उड़ जाता है। जानकारों का कहना है कि यह उल्लू रोजाना आरती के समय मंदिर के शिखर पर आकर बैठता है। सनातन धर्म में उल्लू को महालक्ष्मी का वाहन माना जाता है, इसलिए इसका मंदिर में आना बहुत शुभ माना जा रहा है। शिवभक्त भी मानते हैं कि यदि उल्लू का रंग सफेद हो, तो यह अत्यंत शुभ संकेत है।
काशी विश्वनाथ मंदिर: तीर्थों का तीर्थ
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, धरती के सात मोक्षदायिनी नगरों में काशी का स्थान सर्वोपरि है। इसमें अयोध्या, मथुरा, उज्जैन, हरिद्वार, द्वारका और कांचीपुरम शामिल हैं। वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों दृष्टियों से यह नगर अत्यंत प्राचीन है, जिसका इतिहास लगभग 5000 वर्षों का है, और यह सिंधु घाटी सभ्यता जितना पुराना माना जाता है। ऋग्वेद जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी इसका उल्लेख मिलता है। हर दिन हजारों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने आते हैं। संध्याकालीन पूजा में सप्तऋषि आरती होती है, जिसमें सात विभिन्न गोत्र के आचार्य भाग लेते हैं। इस आरती के दौरान भी मंदिर के शिखर पर सफेद उल्लू दिखाई देता है।
देवताओं का निवास और देवी लक्ष्मी का सम्बन्ध
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब देवी लक्ष्मी पाताल, सुनसान या अंधेरी जगहों पर जाती हैं, तो वह उल्लू पर सवार होकर जाती हैं। इसलिए उल्लू देवी लक्ष्मी का वाहन माना जाता है। काशी का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि भगवान शिव को यह नगरी भगवान विष्णु ने उपहार में दी थी। तभी से यह शहर देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का स्थाई वास स्थान माना जाता है। सफेद उल्लू का शिखर पर देखना, इसी पौराणिक मान्यता से जुड़ा है, और इसे मां लक्ष्मी का शुभ संकेत माना जा रहा है।
सफेद उल्लू: अत्यंत शुभ प्रतीक
सनातन धर्म में सफेद उल्लू को देवी लक्ष्मी का वाहन माना जाता है, और इसका दर्शन शुभ संकेत है। यह समृद्धि और आशीर्वाद का प्रतीक है। भक्त इसे सकारात्मक संकेत मानकर अपनी श्रद्धा और विश्वास मजबूत कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह सफेद उल्लू पिछले कई दिनों से शिखर पर बैठा है, और इसकी उपस्थिति से भक्तों के बीच विश्वास और उम्मीदें जगी हैं। कहा जाता है कि काशी में जो भी घटना घटती है, उसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ता है। इसीलिए यहां होने वाली छोटी-से-छोटी घटना भी भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। उल्लू की इस दिव्य उपस्थिति ने लोगों को विश्वास दिलाया है कि आने वाले समय में विश्व और भारत में शुभ और सकारात्मक परिवर्तन होंगे।
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