
झांसी। मोंठ तहसील मुख्यालय पर गुरुवार को अधिवक्ताओं ने राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। बार संघ मोंठ के नेतृत्व में दर्जनों वकीलों ने तहसील परिसर में धरना देते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए और जमकर नारेबाजी की। वकीलों का कहना है कि अधिकारियों की मनमानी और तानाशाही रवैये के चलते न केवल अधिवक्ताओं का काम प्रभावित हो रहा है बल्कि वादकारियों को भी न्याय के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
धरना प्रदर्शन बार संघ मोंठ के अध्यक्ष लालजी गुर्जर की अध्यक्षता में हुआ। इस दौरान अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर माइक थामकर अपनी-अपनी समस्याएं रखीं और न्यायालय की कार्यशैली में सुधार की मांग उठाई।
अध्यक्ष ने ठप पड़ी कार्यवाही पर जताया रोष
बार संघ अध्यक्ष लालजी गुर्जर ने कहा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में सामान्य डेट (जनरल डेट) नहीं दी जा रही, बल्कि सीधी पुकार कराई जा रही है। जनरल डेट की व्यवस्था वकीलों और वादकारियों के लिए बेहद जरूरी है, ताकि समय का सदुपयोग हो सके। उन्होंने बताया कि इस मांग को लेकर वे न्यायिक एसडीएम के पास भी कई बार गए, लेकिन उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि पिछले छह माह से यही स्थिति बनी हुई है, जिसके चलते फाइलों का निस्तारण पूरी तरह से ठप हो चुका है। न्यायिक एसडीएम की हेकड़ी और तानाशाही रवैये के खिलाफ ही यह धरना प्रदर्शन किया गया है।
वकीलों की समस्याओं को अनसुना कर रहे अधिकारी
धरने को संबोधित करते हुए अधिवक्ता आनंद कुमार पाठक ने कहा कि अधिवक्ता लगातार अधिकारियों के समक्ष अपनी समस्याएं रखते हैं, लेकिन अधिकारी सुनने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बार बार निवेदन करने के बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा, जबकि अधिवक्ता समाज के हर तबके को न्याय दिलाने का कार्य करते हैं। “हम अधिवक्ता अपनी उचित मांगों को मनवाने की क्षमता रखते हैं और इसके लिए संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे।”
महिला अधिवक्ता ने मनमानी पर जताई नाराजगी
महिला अधिवक्ता नीलम वर्मा ने कहा कि अधिकारियों की मनमानी के चलते अधिवक्ताओं और अधिकारियों के बीच विश्वास की खाई गहरी होती जा रही है। उन्होंने कहा कि न्यायालय में हो रही देरी से न केवल वकीलों की आय प्रभावित हो रही है बल्कि आम जनता का भी भरोसा डगमगाने लगा है।
वादकारियों को न्याय दिलाने की उठाई मांग
धरने के दौरान अधिवक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि उनका आंदोलन वादकारियों के अधिकारों और सुगम न्याय की लड़ाई है। वकीलों का कहना है कि अगर न्यायिक अधिकारी अपनी मनमानी बंद नहीं करते और सामान्य डेट की व्यवस्था बहाल नहीं की जाती तो विरोध प्रदर्शन को और तेज किया जाएगा।
आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
अध्यक्ष लालजी गुर्जर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक अधिवक्ताओं की मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि मनमानी के खिलाफ यह लड़ाई केवल अधिवक्ताओं की नहीं बल्कि उन आम लोगों की भी है, जो न्याय पाने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हैं।
प्रशासनिक बयान
न्यायिक मजिस्ट्रेट श्वेता साहू ने कहा कि “वकील लोग सभी मामलों में एक साथ जनरल डेट मांग रहे हैं, जबकि अदालत की ओर से उन्हें बताया गया है कि हर केस की फाइल में अलग-अलग तारीख दी जाएगी। कई दिनों से बिना वजह वकीलों के बहिष्कार के कारण सुनवाई प्रभावित हो रही थी। आज भी वकीलों से कहा गया कि तारीख दी जाएगी, लेकिन जनरल डेट नहीं बल्कि केस की फाइल में ही तारीख डाली जाएगी।”