हाईकोर्ट में सरकार का पक्ष: 50 से कम बच्चों वाले स्कूलों का नहीं होगा विलय, एक किमी से दूर नहीं होंगें स्कूल

उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय स्कूलों के विलय को लेकर एक अहम फैसला लिया है, जिससे लाखों छात्रों और अभिभावकों को राहत मिली है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब राज्य में 50 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का भी विलय नहीं किया जाएगा, और किसी भी प्राथमिक स्कूल को एक किलोमीटर से अधिक दूर नहीं ले जाया जाएगा।

हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, सरकार ने पेश किया जवाब

गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखा।
सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अनुज कुदेसिया ने कोर्ट को बताया कि यह नया निर्णय सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजा जा चुका है और इसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जा रही है।

अगली सुनवाई 1 सितंबर को

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 1 सितंबर 2025 तय की है। तब तक इस मामले में कोई नई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

क्यों बना ये मामला हाईकोर्ट तक?

  • 24 जुलाई को हाईकोर्ट ने सीतापुर जिले में स्कूलों के विलय पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
  • कोर्ट ने कहा था कि सरकार की नीति या उसकी मेरिट पर टिप्पणी किए बिना, फिलहाल प्रक्रिया में स्पष्ट अनियमितताएं सामने आई हैं।
  • इन अनियमितताओं को देखते हुए सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया था और तब तक के लिए किसी भी नई कार्रवाई पर रोक लगाई गई थी।

याचिकाओं का क्या है मामला?

  • पहली विशेष अपील सीतापुर के 5 बच्चों ने दायर की थी,
  • जबकि दूसरी अपील वहीं के 17 बच्चों के अभिभावकों द्वारा दाखिल की गई थी।
  • इन अपीलों में 7 जुलाई को एकल पीठ द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें विलय के खिलाफ याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं।
  • याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. एलपी मिश्र और गौरव मेहरोत्रा ने पक्ष रखा।

पिछला आदेश क्यों हुआ था विवादित?

  • बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून को एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि
    छात्र संख्या के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों का उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में विलय किया जाएगा।
  • इस फैसले से ग्रामीण इलाकों के कई स्कूल प्रभावित हो रहे थे, जिससे बच्चों को दूरस्थ स्कूलों में जाना पड़ता, और पढ़ाई प्रभावित होती।

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