Himachal : हिमाचल में मॉनसून का कहर…अब तक 280 मौतें, 2,281 करोड़ का नुकसान

शिमला : हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। नदी-नाले उफान पर हैं और भूस्खलन के कारण एक नेशनल हाईवे सहित 345 सड़कें बंद हैं। मौसम विभाग ने 23 से 26 अगस्त तक भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 20 जून से अब तक 280 लोगों की मौत हो चुकी है और 2,281 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार कल 22 अगस्त को गरज-चमक के साथ भारी बारिश का येलो अलर्ट है। इसके बाद 23 से 26 अगस्त तक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश का आरेंज अलर्ट रहेगा, जिसमें लोगों को सतर्क रहने और विशेषकर नदी-नालों तथा भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है। 27 अगस्त को फिर से भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी रहेगा।

मौसम विभाग के अनुसार बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक उना जिले में सर्वाधिक 132 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि नंगल डैम में 101 मिलीमीटर, बिलासपुर के नैना देवी में 54, हमीरपुर के सुजानपुर टीहरा में 53, ओलिंडा में 44, अंब में 42, नादौन में 41 और रायपुर मैदान में 30 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान कांगड़ा, सुंदरनगर और मुरारी देवी क्षेत्रों में तेज अंधड़ भी आया।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार सुबह तक प्रदेश में मंडी जिले में 178, कुल्लू जिले में 104 और कांगड़ा जिले में 21 सड़कें बंद रहीं। कुल्लू जिले का नेशनल हाईवे 305 भी कई स्थानों पर अवरुद्ध रहा। इसके अलावा राज्य भर में कुल 327 बिजली ट्रांसफार्मर और 130 पेयजल स्कीमें भी ठप पड़ी हैं। कुल्लू जिले में सर्वाधिक 196 ट्रांसफार्मर खराब हुए जबकि मंडी में 69 और हमीरपुर में 38 ट्रांसफार्मर बाधित रहे। पेयजल आपूर्ति भी मंडी में 60 और कुल्लू में 56 स्कीम बंद होने के कारण प्रभावित हुई है।

मॉनसून ने दिए गहरे जख्म, 280 लोगों की गई जान, 37 लापता, 2,791 मकान क्षतिग्रस्त

प्रदेश में इस बार के मॉनसून ने भारी तबाही मचाई है। 20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में अब तक 280 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 37 लोग लापता और 342 घायल हो चुके हैं। मृतकों में मंडी के 48, कांगड़ा के 47, चंबा के 35, शिमला के 26, किन्नौर के 25 और कुल्लू के 24 लोग शामिल हैं। इस दौरान 2,791 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 635 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए। 385 दुकानें और 2,527 पशुशालाएं भी नष्ट हुई हैं। बारिश और भूस्खलन के कारण अब तक 1,803 पशु तथा 25,755 पोल्ट्री पक्षियों की मौत हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की दैनिक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश को अब तक इस मानसून में कुल 2,281 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 1,264 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 753 करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

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