
भोपाल। राजधानी की पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ और आधुनिक बनाने के लिए नगर निगम ने 582 करोड़ रुपये की अमृत 2.0 योजना लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास करेंगे।
योजना के तहत 700 किलोमीटर नई पाइपलाइन बिछाई जाएगी, 36 ओवरहेड टंकियों का निर्माण होगा, साथ ही चार नए इंटेक वेल्स और चार फिल्ट्रेशन पंपिंग स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे। परियोजना पूरी होने पर लगभग 30,000 नए घरेलू जल कनेक्शन उपलब्ध होंगे। इससे 450 से अधिक कॉलोनियों और झुग्गी बस्तियों को सीधा लाभ मिलेगा।
नए इलाकों में भी पहुंचेगा पानी
योजना के दायरे में रातीबड़, नीलबड़, मलिपुर, हथाईखेड़ा, बागली, डेनिश हिल्स, गुराड़ी घाट, लहरपुर और अरविंद विहार जैसी नई बस्तियां भी शामिल होंगी। इन इलाकों तक पाइपलाइन से सुचारू पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। वर्तमान में भोपाल की आबादी करीब 25 लाख है और शहर को रोजाना 440 एमएलडी पानी मिलता है। अनुमान है कि वर्ष 2040 तक यह मांग बढ़कर 575 एमएलडी तक पहुंच जाएगी। ऐसे में यह योजना आने वाले 15 वर्षों तक जल संकट से बचाव में अहम भूमिका निभाएगी।
अन्य विकास कार्यों की भी होगी शुरुआत
पेयजल परियोजना के साथ ही मुख्यमंत्री नगर निगम के मैकेनिकल विभाग के 167 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का भी शुभारंभ करेंगे। इनमें सड़कों, नालियों, पुल-पुलियों और वार्डों में क्रॉसिंग का निर्माण शामिल है।
कार्यक्रम में दिवंगत निगम कर्मचारियों के परिजनों को करुणा नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। वहीं, स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में बेहतर प्रदर्शन के लिए सफाई कर्मचारियों को भी सम्मानित किया जाएगा।