हरदोई : सण्डीला के लड्डुओं की पहचान मिटाने का आरोप, रेलवे स्टेशन पर बिक्री रोकने पर उठे सवाल

सण्डीला, हरदोई । सण्डीला के प्रसिद्ध लड्डुओं की पहचान को लेकर विवाद एक बार फिर चर्चा में है। समाजवादी पार्टी ने के नेता व अधिवक्ता उच्च न्यायालय अभिषेक दीक्षित ने सरकार पर आरोप लगाकर कहा कि सण्डीला की पहचान बन चुके प्रसिद्ध लड्डुओं को हाशिये पर डालकर इनकी बिक्री स्थानीय रेलवे स्टेशन पर रोकना सण्डीला की परंपरागत पहचान के साथ खिलवाड़ है।

पत्रकारों से वार्ता में अभिषेक दीक्षित ने कहा की संडीला के लड्डू जिले व प्रदेश के साथ देश-विदेश में अपनी मिठास और स्वाद के लिए प्रसिद्ध हैं। हिंदी फिल्मों में भी सण्डीला के लड्डुओं का चर्चा हुई है। वर्षों से यात्रियों की पहली पसंद लड्डू स्थानीय अर्थव्यवस्था और सण्डीला की पहचान को मजबूत करते रहे हैं। वर्ष 2022 में सण्डीला लड्डुओं को भौगोलिक संकेतक (जीआई टैग) दिलाने की घोषणा हुई थी। सरकार ने वादा किया था कि इससे प्रदेश के इस खास उत्पाद को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान मिलेगी। घोषणा के तीन वर्ष बाद अभी तक जीआई टैग का लाभ जमीन पर नहीं उतर सका है।
आरोप लगाया कि अब रेलवे स्टेशन पर सण्डीला लड्डुओं की बिक्री रोकी गई है, इससे व्यापारियों व सण्डीला की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को नुकसान होगा तथा यह उचित नही है। कहा अतीत में जब-जब कोई बड़ा अधिकारी रेलवे स्टेशन पर आता था तो सण्डीला लड्डुओं को विशेष रूप से प्रस्तुत किया जाता था, ताकि यह परंपरा और स्थानीय गौरव सुरक्षित रहे लेकिन आज यह परंपरा खतरे में है।

अभिषेक दीक्षित ने भारत सरकार और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रेलवे स्टेशन पर लड्डुओं की बिक्री पुनः प्रारंभ कराने की मांग की है। सरकार को चाहिए कि वह लड्डुओं के व्यवसाय व इससे जुड़े लोगों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करे। दीक्षित ने कहा कि जैसे आज हम सण्डीला लड्डुओं की पहचान बचाने के लिए आगे आए हैं, वैसे ही भविष्य में अगर किसी भी वर्ग या उत्पाद के साथ अन्याय होगा तो समाजवादी पार्टी चुप नहीं बैठेगी। अवसर पर सपा नेता आलम खान भी उपस्थित रहे।

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